Tuesday 26 August 2014

The prisoner was given general information

पश्चिम बंगाल की पुलिस ने हमें सामान्य कैदी के भागने की खबर दी थी। जब शाम को एफआईआर कराई गई तो इसमें उन्होंने कैदी के आतंकवादी होने की जानकारी दी। फरार कैदी के आतंकवादी होने की जानकारी मिलते ही सभी को अलर्ट कर रायगढ़ से लेकर डोंगरगढ़ तक नाकेबंदी की गई। यह तो तय हो गया है कि आतंकवादी ट्रेन के रास्ते भागा है।

उक्त जानकारी एसआरपी (रेलवे पुलिस अधीक्षक) केके अग्रवाल ने दी। सोमवार दोपहर 2.30 बजे दुर्ग- निजामुद्दीन संपर्कक्रांति एक्सप्रेस से श्री अग्रवाल बिलासपुर जीआरपी थाने पहुंचे। यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि घटना सुबह 6 बजे की है, लेकिन इसकी सूचना पश्चिम बंगाल पुलिस ने सुबह 8 बजे के करीब दी, लेकिन यह नहीं बताया कि हावड़ा- मुंबई मेल एक्सप्रेस के एस-3 कोच भागने वाला कैदी आतंकवादी है। उन्होंने इस घटना को सामान्य तरीके से एक कैदी के भागने की दी।

सभी जीआरपी थानों को किया सचेत

थाना प्रभारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर, चांपा, कटनी, पेंड्रा व रायगढ़ के आगे के सभी जीआरपी थाने को दी। शाम होने के बाद उन्होंने असलियत बताई कि फरार आरोपी आतंकवादी है। उसे दमदम सेंट्रल जेल से पेशी में मुंबई लेकर जा रहे थे। पुणे बम धमाके का वह आरोपी है। उसके खिलाफ 120 बी, 125 व 126 का मामला पंजीबद्ध है। आतंकवादी के भागने की सूचना रायगढ़ के आगे से लेकर डोंगरगढ़ तक और कटनी रूट के सभी जीआरपी थाने के अलावा जिला पुलिस को दी गई।

नाकेबंदी कर सभी ट्रेनों की जांच की गई। साथ ही ट्रेन पेट्रोलिंग अमले को चौकन्ना कर दिया गया। श्री अग्रवाल का कहना है कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने, जो कहानी पेश की है वह समझ से परे हैं। रेलवे से जानकारी लेने पर राबर्ट्सन से लेकर खरसिया तक ट्रेन रुकने की जानकारी नहीं है, जबकि एफआईआर में ट्रेन की गति धीमी होने की जानकारी दी गई है। जब आतंकी ट्रेन से भागा, तो उन्होंने तत्काल चेन पुलिंग क्यों नहीं की यह भी सवाल उठने लगा है।

हुलिया बताया, तस्वीर नहीं

सूचना के मुताबिक आतंकी का हुलिया रंग गोरा, ऊंचाई 5 फुट 10 इंच, सिर पर काले व छोटे बाल, मूंछ या दाड़ी नहीं थी। इसके अलावा लोवर व टी- शर्ट पहना हुआ है। हुलिए के आधार पर पहचान करना काफी कठिन होता है। यदि तस्वीर दे दी जाती, तो शायद वह पकड़ा भी जा सकता था। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। ट्रेन के माध्यम से आतंकवादी किसी भी स्थिति में भागने में सफल नहीं हो सकता है।

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