चैम्पियंस लीग के लिए शहर के दौरे पर आई बीसीसीआई की टीम को क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों ने दिनभर शहर की चकाचक सड़कें ही दिखाईं। टीम का रूट ऐसा तैयार किया गया कि खस्ताहाल सड़कों से वे दूर रहे। इसी कारण उनका गड्ढों और धूल से सामना भी नहीं हुआ।
बीसीसीआई की टीम को एयरपोर्ट से वीआईपी रोड होकर फुण्डहर स्थित होटल वीडब्ल्यू केन्यान ले जाया गया। वहां से होटल हयात और फिर होटल ताज ले गए। इसके बाद बीसीसीआई की टीम तेलीबांधा रोड, एसआरपी चौक होकर सीएम हाउस पहुंची। तेलीबांधा रोड पर गिट्टियां उखड़ गई हैं लेकिन, सुबह से सफाई कर्मचारी लगाकर सड़क की सफाई कर दी गई थी। सीएम हाउस के बाद क्रिकेट संघ के पदाधिकारी बीसीसीआई के अधिकारियों को पेंशनबाड़ा स्थित सीएससीएस कार्यालय ले गए। सीएससीएस कार्यालय सिविल लाइन के भीतर की सड़कों से होकर पहुंचे। बीच में, एसबीआई कॉलोनी पड़ी, जहां की सड़क अच्छी हालत में है। इसी मार्ग से बीसीसीआई टीम एयरपोर्ट वापस भी चली गई।
बीसीसीआई की टीम सीएम हाउस से निकलकर गौरवपथ, कलेक्टोरेट चौक से राजभवन मार्ग, आकाशवाणी चौक, महिला थाना चौक या फिर कलेक्टोरेट चौक से नगरघड़ी चौक, मोतीबाग चौक, महिला थाना चौक होकर पेंशनबाड़ा पहुंचती, तब उसे शहर के प्रमुख मार्गों की असली तस्वीर दिखाई पड़ती। इन मार्गों की हालत बदतर हो चुकी है। गिट्टियां उखड़कर फैल गई हैं। इसी कारण धूल के गुबार उड़ते रहते हैं। राजभवन जैसे वीआईपी मार्ग की भी यही हालत है। मोतीबाग रोड पर कई बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन सड़कों को देखकर बीसीसीआई की टीम को शहर की दूसरी सड़कों की हालत का अंदाजा लगाने में समय नहीं लगता। इसी कारण क्रिकेट संघ ने इन दोनों रूटों का चयन ही नहीं किया।
अब तो जानलेवा गड्ढे भी हो गए
अभी तक तो सड़कों की केवल परत ही उखड़ी थी, लेकिन अब जानलेवा गड्ढे भी नजर आने लगे हैं। जैसे कि जेल रोड पर देवेंद्रनगर तिराहा के पास, महिला थाना चौक-कालीबाड़ी चौक रोड पर गुरुकुल कॉम्प्लेक्स के पास, बंजारी बाबा चौक, शास्त्री चौक पर कोर्ट के सामने और कई जगहों पर बड़े गड्ढे हैं। ऐसे गड्ढे तब और खतरनाक हो जाते हैं, जब उसमें बारिश का पानी भर जाए। अनजान व्यक्ति को उस गड्ढे का पता ही नहीं होता। इससे दोपहिया सवारों के गिरने की आशंका बनी रहती है।
डामरीकरण में इंतजार, अभी मरम्मत भी नहीं
नगर निगम ने तीन साल पहले बनी सड़कों के डामरीकरण के लिए तीन करोड़ का प्रस्ताव बनाया है। जो सड़कें तीन साल के परफॉर्मेंस गारंटी अवधि पर हैं, उनकी ठेकेदारों से मरम्मत कराई जाएगी। लेकिन, यह सब बारिश के बाद होगा। इसमें और समय भी लग सकता है, क्योंकि थोड़ी भी देर हुई तो नगरीय निकाय चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी। तब तक लोगों को खतरनाक सड़कों पर ही चलना होगा। निगम ने सड़कों की मरम्मत के लिए अभी कोई तैयारी नहीं की है।
बीसीसीआई की टीम को एयरपोर्ट से वीआईपी रोड होकर फुण्डहर स्थित होटल वीडब्ल्यू केन्यान ले जाया गया। वहां से होटल हयात और फिर होटल ताज ले गए। इसके बाद बीसीसीआई की टीम तेलीबांधा रोड, एसआरपी चौक होकर सीएम हाउस पहुंची। तेलीबांधा रोड पर गिट्टियां उखड़ गई हैं लेकिन, सुबह से सफाई कर्मचारी लगाकर सड़क की सफाई कर दी गई थी। सीएम हाउस के बाद क्रिकेट संघ के पदाधिकारी बीसीसीआई के अधिकारियों को पेंशनबाड़ा स्थित सीएससीएस कार्यालय ले गए। सीएससीएस कार्यालय सिविल लाइन के भीतर की सड़कों से होकर पहुंचे। बीच में, एसबीआई कॉलोनी पड़ी, जहां की सड़क अच्छी हालत में है। इसी मार्ग से बीसीसीआई टीम एयरपोर्ट वापस भी चली गई।
बीसीसीआई की टीम सीएम हाउस से निकलकर गौरवपथ, कलेक्टोरेट चौक से राजभवन मार्ग, आकाशवाणी चौक, महिला थाना चौक या फिर कलेक्टोरेट चौक से नगरघड़ी चौक, मोतीबाग चौक, महिला थाना चौक होकर पेंशनबाड़ा पहुंचती, तब उसे शहर के प्रमुख मार्गों की असली तस्वीर दिखाई पड़ती। इन मार्गों की हालत बदतर हो चुकी है। गिट्टियां उखड़कर फैल गई हैं। इसी कारण धूल के गुबार उड़ते रहते हैं। राजभवन जैसे वीआईपी मार्ग की भी यही हालत है। मोतीबाग रोड पर कई बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन सड़कों को देखकर बीसीसीआई की टीम को शहर की दूसरी सड़कों की हालत का अंदाजा लगाने में समय नहीं लगता। इसी कारण क्रिकेट संघ ने इन दोनों रूटों का चयन ही नहीं किया।
अब तो जानलेवा गड्ढे भी हो गए
अभी तक तो सड़कों की केवल परत ही उखड़ी थी, लेकिन अब जानलेवा गड्ढे भी नजर आने लगे हैं। जैसे कि जेल रोड पर देवेंद्रनगर तिराहा के पास, महिला थाना चौक-कालीबाड़ी चौक रोड पर गुरुकुल कॉम्प्लेक्स के पास, बंजारी बाबा चौक, शास्त्री चौक पर कोर्ट के सामने और कई जगहों पर बड़े गड्ढे हैं। ऐसे गड्ढे तब और खतरनाक हो जाते हैं, जब उसमें बारिश का पानी भर जाए। अनजान व्यक्ति को उस गड्ढे का पता ही नहीं होता। इससे दोपहिया सवारों के गिरने की आशंका बनी रहती है।
डामरीकरण में इंतजार, अभी मरम्मत भी नहीं
नगर निगम ने तीन साल पहले बनी सड़कों के डामरीकरण के लिए तीन करोड़ का प्रस्ताव बनाया है। जो सड़कें तीन साल के परफॉर्मेंस गारंटी अवधि पर हैं, उनकी ठेकेदारों से मरम्मत कराई जाएगी। लेकिन, यह सब बारिश के बाद होगा। इसमें और समय भी लग सकता है, क्योंकि थोड़ी भी देर हुई तो नगरीय निकाय चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी। तब तक लोगों को खतरनाक सड़कों पर ही चलना होगा। निगम ने सड़कों की मरम्मत के लिए अभी कोई तैयारी नहीं की है।
Source: Chhattisgarh Hindi News & MP Hindi News
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