अपात्र राशन कार्डधारकों पर अब खाद्य विभाग ने शिकंजा कसना प्रारंभ कर दिया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम से आए फरमान के बाद स्थानीय अमले ने शहरी तथा ग्रामीण इलाकों के कार्डधारकों को कार्ड सरेंडर करने हिदायत दे रहे हैं। इसके लिए 45 दिनों की मोहलत दी है। इसके बाद अपात्र कार्ड मिलने की स्थिति में संबंधित कार्डधारक महिला हितग्राही को जेल की हवा खानी पड़ेगी।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनाए गए राशन कार्ड को लेकर अब बवाल मचने लगा है। लोकसभा चुनाव के बाद प्रारंभ हुए राशन कार्ड के सत्यापन में बड़े पैमाने पर फर्जी राशन कार्डधारी सामने आए हैं। सत्यापन के दौरान जिले में तकरीबन 55 हजार व शहरी इलाके में 15 हजार कार्डधारकों के कार्ड को रद्द कर दिया गया है। इसके बाद भी विभागीय अमले को इस बात की चिंता सताने लगी है कि जांच के बाद भी फर्जी कार्ड सामने आ गए और इसका खुलासा हो गया, तब क्या होगा?
फर्जी कार्डधारकों की पतासाजी करने विभाग ने अब नई तकरीब निकाल ली है। खाद्य विभाग ने शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में तैनात अपने खाद्य निरीक्षकों को फरमान जारी कर राशन कार्डों की नए सिरे से सघन जांच करने की हिदायत दी है। इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वे करने और एक-एक कार्ड की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीण इलाकों में कोटवार के जरिए व शहरी तथा कस्बाई इलाकों में स्पीकर के जरिए मुनादी कराने व ऐसे कार्डधारक जिनके कार्डों को सत्यापन के दौरान अमान्य कर दिया गया है संबंधित अधिकारी के समक्ष जमा करने की समझाइश दी जाएगी। इसके लिए 45 दिनों की मोहलत का हवाला भी दिया जाएगा।
इस दौरान इस बात की भी चेतावनी दी जाएगी कि कार्ड जमा नहीं करने व जांच में अमान्य पाए जाने की स्थिति में संबंधित महिला कार्डधारक हितग्राही को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जुर्माना भुगतना पड़ेगा या फिर जेल की हवा खानी पड़ेगी।
अब मिलेगा खाद्यान्न
ऐसे कार्डधारक जिनके कार्ड दावा-आपत्ति के बाद सही पाए गए हैं और जिनको नए सिरे से कार्ड आवंटित किए गए हैं, उनको अगस्त से संबंधित उचित मूल्य दुकान से राशन का आबंटन किया जाएगा। खाद्यान्न भी उसी मापदंड के आधार पर मिलेगा जैसा पूर्व में दिया जाता था।
सत्यापन के दौरान जिनके कार्ड अमान्य कर दिए गए थे। ऐसे कार्डधारकों को अपना कार्ड सरेंडर करने कहा जा रहा है। इसके लिए 45 दिनों की मोहलत दी गई है। इसके बाद कार्ड जमा नहीं करने वालों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना या सजा का प्रावधान है। - जीएस पैकरा, खाद्य नियंत्रक
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनाए गए राशन कार्ड को लेकर अब बवाल मचने लगा है। लोकसभा चुनाव के बाद प्रारंभ हुए राशन कार्ड के सत्यापन में बड़े पैमाने पर फर्जी राशन कार्डधारी सामने आए हैं। सत्यापन के दौरान जिले में तकरीबन 55 हजार व शहरी इलाके में 15 हजार कार्डधारकों के कार्ड को रद्द कर दिया गया है। इसके बाद भी विभागीय अमले को इस बात की चिंता सताने लगी है कि जांच के बाद भी फर्जी कार्ड सामने आ गए और इसका खुलासा हो गया, तब क्या होगा?
फर्जी कार्डधारकों की पतासाजी करने विभाग ने अब नई तकरीब निकाल ली है। खाद्य विभाग ने शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में तैनात अपने खाद्य निरीक्षकों को फरमान जारी कर राशन कार्डों की नए सिरे से सघन जांच करने की हिदायत दी है। इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वे करने और एक-एक कार्ड की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीण इलाकों में कोटवार के जरिए व शहरी तथा कस्बाई इलाकों में स्पीकर के जरिए मुनादी कराने व ऐसे कार्डधारक जिनके कार्डों को सत्यापन के दौरान अमान्य कर दिया गया है संबंधित अधिकारी के समक्ष जमा करने की समझाइश दी जाएगी। इसके लिए 45 दिनों की मोहलत का हवाला भी दिया जाएगा।
इस दौरान इस बात की भी चेतावनी दी जाएगी कि कार्ड जमा नहीं करने व जांच में अमान्य पाए जाने की स्थिति में संबंधित महिला कार्डधारक हितग्राही को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जुर्माना भुगतना पड़ेगा या फिर जेल की हवा खानी पड़ेगी।
अब मिलेगा खाद्यान्न
ऐसे कार्डधारक जिनके कार्ड दावा-आपत्ति के बाद सही पाए गए हैं और जिनको नए सिरे से कार्ड आवंटित किए गए हैं, उनको अगस्त से संबंधित उचित मूल्य दुकान से राशन का आबंटन किया जाएगा। खाद्यान्न भी उसी मापदंड के आधार पर मिलेगा जैसा पूर्व में दिया जाता था।
सत्यापन के दौरान जिनके कार्ड अमान्य कर दिए गए थे। ऐसे कार्डधारकों को अपना कार्ड सरेंडर करने कहा जा रहा है। इसके लिए 45 दिनों की मोहलत दी गई है। इसके बाद कार्ड जमा नहीं करने वालों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना या सजा का प्रावधान है। - जीएस पैकरा, खाद्य नियंत्रक
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