Monday, 11 August 2014

CG additional help in the modernization of the police force refused center

केंद्र सरकार ने पुलिस बल के आधुनिकीकरण के मामले में छत्तीसगढ़ को दी जाने वाली केन्द्रीय सहायता में वृद्धि के किसी प्रस्ताव से इंकार किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरिण रिजीजू ने छत्तीसगढ़ को "ए" श्रेणी में रखे जाने की संभावना से फिलहाल इंकार करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार वैसे भी छत्तीसगढ़ में माओवाद के खात्मे के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। सरकार की कोशिश है कि राज्य में शान्ति स्थापित हो और विकास का मार्ग प्रशस्त हो। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ को पुलिस आधुनिकीकरण की स्कीम में "बी "श्रेणी में रखा है।

केंद्र सरकार द्वारा पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना के तहत राज्य पुलिस बलों को "ए" और "बी" दो श्रेणियों में बांट रखा है। "ए" श्रेणी में रखे गए राज्यों को 90 फीसदी और "बी" श्रेणी में रखे गए राज्यों को 60 फीसदी केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है । देश में पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए 8628 करोड़ की लागत से पांच वर्ष की योजना तैयार की गई है ।

विगत दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में माओवादी वारदातों में इजाफे के बावजूद केंद्र सरकार ने राज्य को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए दिए जाने वाले फंड में इजाफा किये जाने की सम्भावना से इनकार कर दिया है। छत्तीसगढ़ को पिछले तीन वर्षों के दौरान पुलस आधुनिकीकरण के एवज में पिछले वर्ष के अंत तक तक़रीबन 50 करोड़ रूपए का फंड दिया गया था जबकि इस अवधि में तामिलनाडू को सर्वाधिक 153 करोड़ रूपए और आन्ध्र प्रदेश को लगभग 117 करोड़ रूपए दिए गए थे ।

गृह मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि छत्तीसगढ़ पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त धन मुहैया कराया गया है। राज्यों के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि वो केंद्र द्वारा आधुनिकीकरण के लिए दिए गए धन का शत प्रतिशत उपयोग नहीं कर पाए हैं। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित राज्यों में भारी संख्या में केन्द्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं। केंद्र सरकार उनको आधुनिक बनाने के लिए अलग से धन खर्च कर रही है। उद्देश्य नक्सलवाद का खात्मा करना है और उस दिशा में आगे बढ़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है ।

महिला पुलिसकर्मियों के लिए विशेष व्यवस्था किये जाने का प्रस्ताव

केंद्र सरकार द्वारा पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे गए पत्र में कहा गया है राज्यों को पुलिस बल में महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण की दिशा में तेजी से काम करना चाहिए । गृह मंत्रालय द्वारा सभी पुलिस थाना बैरकों में महिला पुलिसकर्मियों के लिए अलग से शौचालय बनाए जाने की बात कही गई है। साथ ही उनके लिए हर थाने में एक विश्राम कक्ष बनाए जाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है।

 
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