Friday, 1 August 2014

Challenge for power company to reduse the line loss

छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के सामने लाइन लॉस को कम करने की चुनौती है। राष्ट्रीय औसत इस समय 25 फीसदी है और कंपनी ने इसमें 10 फीसदी कमी करते हुए 15 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने इस लक्ष्य को 2018-19 तक हासिल करने की कोशिश करेगी।

प्रदेश में सबसे अधिक लाइन लॉस जांजगीर -चांपा में होती है। यहां पर ज्यादा घरों में बिना मीटर के बिजली जल रही है। हुकिंग के जरिए उपभोक्ता बिजली चोरी करते हैं। इसी कड़ी में रायगढ़, बिलासपुर , अंबिकापुर , रायपुर, दुर्ग-भिलाई में भी बिजली चोरी की शिकायते हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी में फिलहाल 25 फीसदी लाइन लॉस हो रही है। इससे कंपनी को करीब एक हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। 2012-13 में वितरण कंपनी की लाइन लॉस 25.7 फीसदी थी। कंपनी ने 2013-14 में इस लाइन लॉस में 1.7 फीसदी कम किया और लाइन लॉस 24 फीसदी कर ली है।

लाइन लॉस से हो रहे नुकसान के चलते बिजली कंपनी अब नए सिरे से करसत कर रही है। यही वजह है कि कंपनी ने अब लाइन लॉस को कम करने की योजना बनाई है। इसके तहत प्रदेश में खुले तार की जगह केबल लगाए जा रहे हैं। वहीं खराब ट्रांसफार्मर को बदलने और बिजली चोरी रोकने के लिए अफसरों को निर्देश जारी किए गए हैं। कंपनी ने तीन साल में 10 फीसदी लाइन लॉस कम करने का लक्ष्य रखा है और इसे तीन साल में हासिल कर लिया जाएगा।

लाइन लॉस के कारण

    बिजली चोरी से लाइन लॉस

    हुकिंग के जरिए बिजली चोरी से लाइन लॉस

    लंबे ट्रासमिशन लाइन से लाइन लॉस

    बिजली चोरी के लिए रजिस्टेंस से बिजली चोरी

    खराब मीटर नहीं बदलने से लाइन लॉस

लाइन लॉस से कंपनी को काफी नुकसान हो रहा है। हालांकि प्रति वर्ष लाइन लॉस को कम किया जा रहा है। अब नए सिरे से लाइन को बदलने सहित कई काम किए जा रहे हैं, जिससे बिजली चोरी को रोका जा सकता है। इसके अलावा नई तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। - सुबोध सिंह, प्रबंध निदेशक, छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी


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