एक महीने की देरी से आया मानसून प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में आफत बनकर बरसा। इस बारिश से पांच जिलों में आई बाढ़ के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई, वहीं साढ़े तीन हजार लोग बेघर हो गए। बाढ़ प्रभावितों को 37 अलग-अलग राहत शिविरों में ठहराया गया है। शिविरों में निःशुल्क भोजन, पेयजल, बिजली, कपड़ों, जरूरी दवाइयों का भी पूरा इंतजाम करने के निर्देश राजस्व मंत्री ने प्रभावित जिलों के जिला प्रशासन को सौंपी है।
15 दिनों में प्रभावितों को होने वाले नुकसान पर रिपोर्ट तैयार कर मुआवजा देने का निर्देश भी दिया गया है। राज्य सरकार ने आपदा कोष से 27 करोड़ 90 लाख रुपए पहले ही जारी कर दिए हैं। अधिक प्रभावित जिलों को 3 करोड़ 26 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि देने का वादा किया गया है।
प्रदेश में सर्वाधिक 37 मकान धमतरी जिले में पूरी तरह बह गए। वहीं 22 मकान कांकेर, 12 रायगढ़, 10 राजनांदगांव और 4 मकान कोंडागांव में पूरी तरह बह गए। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों में सर्वाधिक रायपुर में 1341 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, वहीं 871 बालोद, 459 धमतरी, 226 राजनांदगाव, 155 रायगढ़ में क्षतिग्रस्त हुए हैं।
दो दिन में पांच जिलों में आफत
4 और 5 अगस्त को छत्तीसगढ़ में हुई जबरदस्त बारिश से प्रदेश के पांच जिले आफत में हैं। जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़ और बिलासपुर इससे सर्वाधिक प्रभावित हुए थे। बाढ़ प्रभावितों के लिए इन पांचों जिलों में विभिन्ना स्थानों पर राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां प्रभावितों के भोजन, पेयजल, दवाइयों और जरूरी इंजेक्शनों के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। इन जिलों में रायगढ़ में 1450 लोग, 935 रायपुर, 586 राजनांदगांव, 300 जांजगीर और दुर्ग में 104 से अधिक लोग राहत शिविरों में रखे गए हैं।
रायपुर के लोग सर्वाधिक प्रभावित
पिछले दो महीने में हुई बारिश के दौरान रायपुर जिले के 3135 लोग प्रभावित हुए। जबकि पूरे प्रदेश में कुल 7368 लोग प्रभावित हुए हैं। रायगढ़ में बारिश से 1575 लोग, दुर्ग 945, राजनांदगांव, 930 कोंडागांव 483, जांजगीर 300 लोग प्रभावित हुए।
सर्वाधिक फसल नुकसान राजनांदगांव में
प्रदेश में आई बाढ़ से फसलों को सर्वाधिक नुकसान राजनांदगांव जिले में हुआ। यहां 2170 हेक्टेयर फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। पूरे प्रदेश में इस दौरान 4001 हेक्टेयर फसलों का नुकसान हुआ। 1655 हेक्टेयर फसल दुर्ग, 140 हेक्टेयर रायपुर, 26 महासमुंद और 10.60 हेक्टेयर फसल कोंडागांव की पूरी तरह नष्ट हो गई।
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ली जानकारी
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने गुरुवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए प्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से पैदा हुए हालात की जानकारी जिला कलेक्टरों से ली। श्री पाण्डेय ने कलेक्टरों से आपदा से हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर प्रभावित परिवारों को अगले 15 दिनों के भीतर मुआवजा देने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल भेजकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं पशुओं का टीकाकरण कराएं।
साथ ही अस्पतालों में सर्पदंश से प्रभावित व्यक्तियों के लिए एन्टी सीरम की व्यवस्था करें। श्री पांडे ने सिंचाई जलाशयों में जलभराव की स्थिति की भी समीक्षा की। विगत 4 और 5 अगस्त को हुई वर्षा से प्रदेश के लगभग सभी बड़े जलाशयों के भर जाने पर उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे खरीफ और रबी फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। उन्होंने आगामी वर्षा की संभावना तथा बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए पहले से ही योजना बनाकर जलाशयों में जलभराव पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि कई इलाकों में अभी बाढ़ का पानी पूरी तरह नहीं उतरा है, इसलिए क्षति का सही आकलन नहीं किया जा सका है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल संसाधन विभाग के सचिव जीएस मिा और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव केआर पिस्दा सहित दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
15 दिनों में प्रभावितों को होने वाले नुकसान पर रिपोर्ट तैयार कर मुआवजा देने का निर्देश भी दिया गया है। राज्य सरकार ने आपदा कोष से 27 करोड़ 90 लाख रुपए पहले ही जारी कर दिए हैं। अधिक प्रभावित जिलों को 3 करोड़ 26 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि देने का वादा किया गया है।
प्रदेश में सर्वाधिक 37 मकान धमतरी जिले में पूरी तरह बह गए। वहीं 22 मकान कांकेर, 12 रायगढ़, 10 राजनांदगांव और 4 मकान कोंडागांव में पूरी तरह बह गए। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों में सर्वाधिक रायपुर में 1341 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, वहीं 871 बालोद, 459 धमतरी, 226 राजनांदगाव, 155 रायगढ़ में क्षतिग्रस्त हुए हैं।
दो दिन में पांच जिलों में आफत
4 और 5 अगस्त को छत्तीसगढ़ में हुई जबरदस्त बारिश से प्रदेश के पांच जिले आफत में हैं। जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़ और बिलासपुर इससे सर्वाधिक प्रभावित हुए थे। बाढ़ प्रभावितों के लिए इन पांचों जिलों में विभिन्ना स्थानों पर राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां प्रभावितों के भोजन, पेयजल, दवाइयों और जरूरी इंजेक्शनों के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। इन जिलों में रायगढ़ में 1450 लोग, 935 रायपुर, 586 राजनांदगांव, 300 जांजगीर और दुर्ग में 104 से अधिक लोग राहत शिविरों में रखे गए हैं।
रायपुर के लोग सर्वाधिक प्रभावित
पिछले दो महीने में हुई बारिश के दौरान रायपुर जिले के 3135 लोग प्रभावित हुए। जबकि पूरे प्रदेश में कुल 7368 लोग प्रभावित हुए हैं। रायगढ़ में बारिश से 1575 लोग, दुर्ग 945, राजनांदगांव, 930 कोंडागांव 483, जांजगीर 300 लोग प्रभावित हुए।
सर्वाधिक फसल नुकसान राजनांदगांव में
प्रदेश में आई बाढ़ से फसलों को सर्वाधिक नुकसान राजनांदगांव जिले में हुआ। यहां 2170 हेक्टेयर फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। पूरे प्रदेश में इस दौरान 4001 हेक्टेयर फसलों का नुकसान हुआ। 1655 हेक्टेयर फसल दुर्ग, 140 हेक्टेयर रायपुर, 26 महासमुंद और 10.60 हेक्टेयर फसल कोंडागांव की पूरी तरह नष्ट हो गई।
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ली जानकारी
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने गुरुवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए प्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से पैदा हुए हालात की जानकारी जिला कलेक्टरों से ली। श्री पाण्डेय ने कलेक्टरों से आपदा से हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर प्रभावित परिवारों को अगले 15 दिनों के भीतर मुआवजा देने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल भेजकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं पशुओं का टीकाकरण कराएं।
साथ ही अस्पतालों में सर्पदंश से प्रभावित व्यक्तियों के लिए एन्टी सीरम की व्यवस्था करें। श्री पांडे ने सिंचाई जलाशयों में जलभराव की स्थिति की भी समीक्षा की। विगत 4 और 5 अगस्त को हुई वर्षा से प्रदेश के लगभग सभी बड़े जलाशयों के भर जाने पर उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे खरीफ और रबी फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। उन्होंने आगामी वर्षा की संभावना तथा बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए पहले से ही योजना बनाकर जलाशयों में जलभराव पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि कई इलाकों में अभी बाढ़ का पानी पूरी तरह नहीं उतरा है, इसलिए क्षति का सही आकलन नहीं किया जा सका है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल संसाधन विभाग के सचिव जीएस मिा और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव केआर पिस्दा सहित दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
Source: Chhattisgarh Hindi News & MP Hindi News
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