छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की पकड़ कमजोर होती नजर आ रही है। पिछले दो महीने में 30 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें कई बड़े नक्सली कमांडर शामिल हैं। जबकि वर्ष 2013 में सिर्फ 39 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार, नक्सलियों का काडर कमजोर होने के कारण बड़े पैमाने पर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
पिछले तीन साल में 160 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। खुफिया विभाग की सूचना के अनुसार एक दर्जन बड़े नक्सली कमांडर आत्मसमर्पण की तैयारी में हैं। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष एक जनवरी से 30 अप्रैल तक सिर्फ 15 नक्सलियों ने समर्पण किया था, लेकिन जुलाई तक यह आंकड़ा बढ़कर 70 पहुंच गया। जून और जुलाई में ही 30 से ज्यादा नक्सलियों ने समर्पण किया।
एडीजी नक्सल ऑपरेशन आरके विज ने बताया कि बीजापुर और दंतेवाड़ा में नक्सलियों का संगठन कमजोर होने के कारण बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण हो रहा है। पिछले एक साल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 100 से ज्यादा नक्सली मारे गए। इनमें 30 से 35 बड़े नक्सली नेता शामिल हैं। मृत नक्सली कमांडरों में आधे से अधिक दंडकारण्य क्षेत्र के हैं। श्री विज ने बताया कि बस्तर से जो जानकारी निकलकर आ रही है उसके आधार पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सख्ती के कारण नक्सलियों के कमांडर लगातार अपनी लोकेशन को बदल रहे हैं। बताया जा रहा है कि सीमांध्र और ओडिशा में पुलिस की सक्रियता का असर भी छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर पड़ रहा है।
पड़ोसी प्रदेशों में भी हुआ आत्मसमर्पण
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार पड़ोसी राज्य ओडिशा और सीमांध्र में भी बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण हुआ है। पिछले दो साल में 100 से ज्यादा नक्सलियों ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सरेंडर किया है। आंध्र प्रदेश में सरेंडर करने वालों की संख्या ज्यादा है। इसके पीछे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश बड़े नक्सली आंध्रप्रदेश के हैं। वे अपने परिवार और गांव के लोगों के साथ रहना चाहते हैं, इसलिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल
वर्ष 2013
नक्सली वारदात में शहीद जवान-45
जिला बल के जवान-16
छसबल के जवान-15
एसटीएफ के जवान-4
सीआरपीएफ के जवान-8
बीएसएफ के जवान-2
मुठभेड़ में मारे गए नक्सली-32
नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण-39
वर्ष 2014 (एक जनवरी से 31 जुलाई तक)
नक्सली वारदात में शहीद जवान-34
जिला बल के जवान-11
सीआरपीएफ के जवान-23
मुठभेड़ में मारे गए नक्सली-32
नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण-70
(पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार)
पिछले तीन साल में 160 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। खुफिया विभाग की सूचना के अनुसार एक दर्जन बड़े नक्सली कमांडर आत्मसमर्पण की तैयारी में हैं। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष एक जनवरी से 30 अप्रैल तक सिर्फ 15 नक्सलियों ने समर्पण किया था, लेकिन जुलाई तक यह आंकड़ा बढ़कर 70 पहुंच गया। जून और जुलाई में ही 30 से ज्यादा नक्सलियों ने समर्पण किया।
एडीजी नक्सल ऑपरेशन आरके विज ने बताया कि बीजापुर और दंतेवाड़ा में नक्सलियों का संगठन कमजोर होने के कारण बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण हो रहा है। पिछले एक साल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 100 से ज्यादा नक्सली मारे गए। इनमें 30 से 35 बड़े नक्सली नेता शामिल हैं। मृत नक्सली कमांडरों में आधे से अधिक दंडकारण्य क्षेत्र के हैं। श्री विज ने बताया कि बस्तर से जो जानकारी निकलकर आ रही है उसके आधार पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सख्ती के कारण नक्सलियों के कमांडर लगातार अपनी लोकेशन को बदल रहे हैं। बताया जा रहा है कि सीमांध्र और ओडिशा में पुलिस की सक्रियता का असर भी छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर पड़ रहा है।
पड़ोसी प्रदेशों में भी हुआ आत्मसमर्पण
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार पड़ोसी राज्य ओडिशा और सीमांध्र में भी बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण हुआ है। पिछले दो साल में 100 से ज्यादा नक्सलियों ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सरेंडर किया है। आंध्र प्रदेश में सरेंडर करने वालों की संख्या ज्यादा है। इसके पीछे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश बड़े नक्सली आंध्रप्रदेश के हैं। वे अपने परिवार और गांव के लोगों के साथ रहना चाहते हैं, इसलिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल
वर्ष 2013
नक्सली वारदात में शहीद जवान-45
जिला बल के जवान-16
छसबल के जवान-15
एसटीएफ के जवान-4
सीआरपीएफ के जवान-8
बीएसएफ के जवान-2
मुठभेड़ में मारे गए नक्सली-32
नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण-39
वर्ष 2014 (एक जनवरी से 31 जुलाई तक)
नक्सली वारदात में शहीद जवान-34
जिला बल के जवान-11
सीआरपीएफ के जवान-23
मुठभेड़ में मारे गए नक्सली-32
नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण-70
(पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार)
Source: Chhattisgarh Hindi News & MP Hindi News
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