तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के प्राइवेट और सरकारी कॉलेज में एडमिशन के लिए आयोजित दूसरे दौर की काउंसलिंग में करीब साढ़े तेरह हजार छात्रों ने एडमिशन लिया है। जबकि पहले दौर में जनरल पूल और ट्यूशन फीस वेवर स्कीम के तहत करीब 18 हजार छात्रों ने एडमिशन लिया था। इस तरह प्रदेश के प्राइवेट और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दो दौर की काउंसलिंग में करीब साढ़े 32 हजार छात्रों ने एडमिशन ले लिया है। ऐसे में अब भी इंजीनियरिंग कॉलेजों की करीब 68 हजार सीटें खाली हैं। इन सीटों को भरने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग कॉलेज लेवल काउंसलिंग शुरू करेगा।
तकनीकी शिक्षा विभाग ने दूसरे दौर की काउंसलिंग के बाद रविवार को रजिस्ट्रेशन और च्वॉइस फिलिंग करने वाले करीब बीस हजार छात्रों को कॉलेज का आवंटन कर दिया। इन्हें आवंटित कॉलेज में मंगलवार शाम तक एडमिशन लेना था। आवंटित होने के बाद करीब साढ़े 13 हजार छात्रों ने आवंटित कॉलेज में एडमिशन लिया है। गौरतलब है कि प्रदेश के 222 प्राइवेट और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब एक लाख सीटें हैं।
सीएलसी पर टिकी निगाहें -
दो दौर की काउंसलिंग के बाद अब प्राइवेट कॉलेज संचालकों की निगाहें सीएलसी पर टिक गई हैं। कॉलेजों संचालकों को उम्मीद है कि अधिकतर सीटें सीएलसी के जरिए भरी जाएंगी। विभाग को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक 15 अगस्त के पहले इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया पूरी करनी है। इस तारीख में अब महज दस दिन शेष हैं। ऐसे में विभाग गुरुवार से सीएलसी शुरु कर सकता है।
अटके हैं 12 वीं की सप्लीमेंट्री परीक्षा
दो दौर में बेहद कम एडमिशन होने से निराश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों संचालकों को माशिमं ने भी निराश किया है। इसकी वजह है कक्षा बाहरवीं की सप्लीमेंट्री परीक्षा के नतीजे मंडल ने अब तक घोषित नहीं किए हैं। इस परीक्षा में करीब सवा लाख छात्र शामिल हुए थे। इनके नतीजे फिलहाल घोषित होने के कोई आसार नहीं है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्राविजनल एडमिशन का भी प्रावधान नहीं है। ऐसे में छात्र सप्लीमेंट्री परीक्षा में पास होने के बावजूद इंजीनियरिंग में इस साल एडमिशन नहीं ले सकेंगे।
जल्द घोषित की जाएगी तारीख -
दो दौर में करीब साढ़े 32 हजार छात्रों ने एडमिशन लिया है। सीएलसी के जरिए ज्यादा से ज्यादा सीटें भरने का प्रयास किया जाएगा। इसकी तारीख जल्द घोषित कर दी जाएगी।
-आशीष डोंगरे, संचालक, तकनीकी शिक्षा
तकनीकी शिक्षा विभाग ने दूसरे दौर की काउंसलिंग के बाद रविवार को रजिस्ट्रेशन और च्वॉइस फिलिंग करने वाले करीब बीस हजार छात्रों को कॉलेज का आवंटन कर दिया। इन्हें आवंटित कॉलेज में मंगलवार शाम तक एडमिशन लेना था। आवंटित होने के बाद करीब साढ़े 13 हजार छात्रों ने आवंटित कॉलेज में एडमिशन लिया है। गौरतलब है कि प्रदेश के 222 प्राइवेट और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब एक लाख सीटें हैं।
सीएलसी पर टिकी निगाहें -
दो दौर की काउंसलिंग के बाद अब प्राइवेट कॉलेज संचालकों की निगाहें सीएलसी पर टिक गई हैं। कॉलेजों संचालकों को उम्मीद है कि अधिकतर सीटें सीएलसी के जरिए भरी जाएंगी। विभाग को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक 15 अगस्त के पहले इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया पूरी करनी है। इस तारीख में अब महज दस दिन शेष हैं। ऐसे में विभाग गुरुवार से सीएलसी शुरु कर सकता है।
अटके हैं 12 वीं की सप्लीमेंट्री परीक्षा
दो दौर में बेहद कम एडमिशन होने से निराश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों संचालकों को माशिमं ने भी निराश किया है। इसकी वजह है कक्षा बाहरवीं की सप्लीमेंट्री परीक्षा के नतीजे मंडल ने अब तक घोषित नहीं किए हैं। इस परीक्षा में करीब सवा लाख छात्र शामिल हुए थे। इनके नतीजे फिलहाल घोषित होने के कोई आसार नहीं है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्राविजनल एडमिशन का भी प्रावधान नहीं है। ऐसे में छात्र सप्लीमेंट्री परीक्षा में पास होने के बावजूद इंजीनियरिंग में इस साल एडमिशन नहीं ले सकेंगे।
जल्द घोषित की जाएगी तारीख -
दो दौर में करीब साढ़े 32 हजार छात्रों ने एडमिशन लिया है। सीएलसी के जरिए ज्यादा से ज्यादा सीटें भरने का प्रयास किया जाएगा। इसकी तारीख जल्द घोषित कर दी जाएगी।
-आशीष डोंगरे, संचालक, तकनीकी शिक्षा
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