Tuesday, 5 August 2014

One and half lack students will get smart phone in madhya pradesh

प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले प्रथम सेमेस्टर के सभी छात्रों को सरकार मुफ्त स्मार्ट-फोन देने जा रही है। राज्य शासन ने मौजूदा सत्र से ही इस स्कीम को लागू करने का निर्णय लिया है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2014-15 में प्रदेशभर में नव-प्रवेशित लगभग 1 लाख 55 हजार विद्यार्थियों को यह स्मार्ट-फोन मिलेंगे। कॉलेज छात्र-छात्राओं को आईटी से सीधे जोड़ने और ई-लर्निंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया है, ताकि ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में प्रदेश के विद्यार्थियों को अन्य विकसित देशों के शैक्षणिक स्तर के समकक्ष खड़ा किया जा सके।

प्रदेश के मूल निवासियों को ही लाभ

मध्यप्रदेश के मूल निवासी सभी विद्यार्थी, जो स्नातक प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश लेंगे, केवल उन्हें ही इस योजना का लाभ मिलेगा। स्वाध्यायी और दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवेशार्थी छात्र इसके लिए पात्र नहीं होंगे। स्मार्ट फोन पाने के लिए आय-सीमा और जाति का कोई बंधन नहीं रखा गया है, लेकिन बीच में असमय पढ़ाई छोड़ने या अध्ययन निरंतर नहीं रखने वाले विद्यार्थियों से स्मार्ट-फोन वापस भी ले लिए जाएंगे। यह प्रावधान इसलिए रखा गया है, ताकि प्रदेश में गिरते सकल मूल्यांकन अनुपात में सुधार लाया जा सकेगा।

दो साल में 33 फीसदी बढ़े यूजर

बीते दो वर्षों में भारत में स्मार्ट-फोन यूजर्स की संख्या में लगभग 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही स्मार्ट-फोन की इस्तेमाल अवधि में भी 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। भारत में औसतन एक स्मार्ट-फोन यूजर प्रतिदिन 3 घंटे का समय अपने सेल-फोन पर व्यतीत करता है। 25 फीसदी यूजर्स दिनभर में कम से कम 100 बार से अधिक अपने स्मार्ट-फोन को चेक करते हैं।

कुल मिलाकर एक स्मार्ट-फोन के विभिन्ना एप्लीकेशंस पर भारतीय यूजर्स अपना एक तिहाई समय व्यतीत कर रहे हैं। वाट्सएप एवं वीचैट जैसे मोबाइल एप्लीकेशन ने सोशल कम्युनिकेशन में काफी कम समय में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसी कारण पॉकेट टेक्नोलॉजी के रूप में स्मार्ट-फोन युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

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