गंगरेल बांध से छोड़े जा रहे पानी से धमतरी के ग्राम- कोलियारी, सारंगपुरी और भरारी में बाढ़ के आसार बन गए हैं। कोलियारी के 15 मकान पूरी तरह डूब गए। जबकि सारंगपुरी में 35 परिवार प्रभावित हुए हैं। भरारी जैसे गांव को पूरी तरह से खाली कराने की तैयारी चल रही थी। क्योंकि यहां के लोग महानदी के पानी भर जाने से मुसीबत में हैं। इसके मद्देनजर कलेक्टर भीम सिंह मंगलवार को भरारी में ग्रामीणों से मिलकर एसडीएम राठौर और तहसीलदार धमतरी से स्थिति के बारे में जानकारी ली। जलाशय से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से भरारी के खेतों में पानी भर गया है। कलेक्टर ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन उनके सहयोग के लिए पूरी तरह तत्पर है। हालात पर निगाह रखी जा रही है।
600 की आबादी वाले ग्राम-भरारी के लोगों को गांव में पानी भर जाने की स्थिति में राहत शिविरों तक पहुंचाने के लिए वाहन आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने की तैयारी चल रही थी। उनके भोजन और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का भी हर हाल में ध्यान रखने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। महानदी के दायीं तट पर बसे भरारी का कलेक्टर ने निरीक्षण कर ग्रामीणों को समझाईश दी कि वे किसी भी सूरत में नदी के आसपास और कच्चे मकानों में नहीं जाएं। 1200 की आबादी वाले ग्राम-सारंगपुरी की निचली बस्तियों में बाढ़ की स्थिति आ गई है। इसके तहत् ग्रामीणों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है। यहां ग्रामीणों की सुविधा के लिए गोताखोर और नाव की व्यवस्था करने की बात भी कलेक्टर ने कही। इसी तरह अत्यधिक वर्षा और महानदी में भारी पानी बहाए जाने के कारण कोलियारी के 15 घर डूब गए हैं। ग्राम-अछोटा के 5 घर भी डूब गए हैं। इन दोनों गांव के बाढ़ प्रभावितों को राहत शिविर में भेज दिया गया है। उनके लिए राहत व्यवस्था की गई है। इसी तरह भोथली से कंडेल मार्ग में भी पानी चढ़ने से आवागमन बंद होने की खबर है।
पुराना रायपुर रोड बंद
भखारा प्रतिनिधि से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी-भखारा-रायपुर पुराना मार्ग में कानामुका नाला में पानी उपर आ जाने से मंगलवार को आवाजाही बंद रहा। यह मार्ग पुराना रायपुर रोड के नाम से जाना जाता है। नाला में पानी अधिक होने के कारण आवाजाही अधिक होने से लोगों को परेशानी हुई।
पानी देखने भीड़ उमड़ी
दो दिनों से अनवरत बारिश के बाद गंगरेल के गेट खुलने से लोगों की भीड़ गंगरेल की ओर उमड़ने लगी। जब पानी गंगरेल से रुद्री बैराज पहुंचा और रुद्री बैराज के सभी गेट खोलकर पानी महानदी में छोड़ा गया, तो पानी का यह विकराल रूप देखते ही बना। इसी स्थिति को देखने के लिए शहर तथा ग्रामीण अंचल के लोग बड़ी संख्या में गंगरेल, रुद्री तथा अछोटा पुल के उपर पहुंचे। जहां लोगों ने गंगरेल से निकलने वाले पानी का मनोरम दृश्य का आनंद उठाया। वहीं महानदी में बढ़ते जलस्तर को देखकर लोग रोमांचित हो उठे।
स्कूलों में छुट्टी
बारिश के कारण अधिकांश गांवों तथा शहर के वार्डों में स्थित स्कूल परिसर, आसपास तथा आवागमन के रास्ते बाधित होने के कारण सैकड़ों स्कूलों में मंगलवार को भी अध्ययन-अध्यापन कार्य प्रभावित रहा। स्कूलों में छुट्टी का माहौल रहा। कई स्कूलों में ताले ही नहीं खुले। शहर के भी कुछ स्कूलों में छुट्टियां दे दी गई। कलेक्टर द्वारा स्कूलों में छुट्टी करने का आदेश भी दिया गया।
800 मिमी औसत वर्षा दर्ज
धमतरी जिले में चालू बारिश सीजन के दौरान 1 जून से 5 अगस्त तक 800 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। कलेक्टोरेट स्थित भू-अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक इनमें सर्वाधिक नगरी तहसील में 961.6 मिलीमीटर एवं सबसे कम धमतरी तहसील में 729.6 मिलीमीटर वर्षा आंकी गई है। इसी तरह मगरलोड तहसील में 774.6 मिलीमीटर एवं कुरूद तहसील में 734.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है। 5 अगस्त को सुबह 8 बजे तक जिले की औसत वर्षा 113.8 मिलीमीटर दर्ज की गई है। सर्वाधिक वर्षा नगरी तहसील में 213 मिलीमीटर एवं सबसे कम कुरूद तहसील में 37 मिलीमीटर आंकी गई। इसके अलावा धमतरी तहसील में 145 मिलीमीटर एवं मगरलोड तहसील में 60.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश
रविशंकर सागर जलाशय के केचमेंट एरिया में अनवरत वर्षा से पानी की आवक को देखते हुए बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक रविशंकर जलाशय के केचमेंट एरिया में 184 मिलीमीटर, मुरूमसिल्ली जलाशय के केचमेंट एरिया में 288 मिलीमीटर एवं दुधावा के केचमेंट एरिया में 137 मिलीमीटर वर्षा हुई है। रविशंकर सागर बांध का जल स्तर आज सुबह नौ बजे की स्थिति में 348.57 मीटर है। यहाँ से फिलहाल एक लाख 64 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वर्षा की स्थिति एवं पानी की आवक को देखते हुए रविशंकर सागर जलाशय से दो लाख क्यूसेक पानी छोडे़ जाने की संभावना है। अधीक्षण अभियंता, महानदी जलाशय परियोजना से मिली जानकारी के मुताबिक तटीय इलाके में जलस्तर की वृद्धि की संभावनाओं के तहत् ग्रामीणों को सचेत रहने की सूचना दी गई है।
600 की आबादी वाले ग्राम-भरारी के लोगों को गांव में पानी भर जाने की स्थिति में राहत शिविरों तक पहुंचाने के लिए वाहन आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने की तैयारी चल रही थी। उनके भोजन और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का भी हर हाल में ध्यान रखने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। महानदी के दायीं तट पर बसे भरारी का कलेक्टर ने निरीक्षण कर ग्रामीणों को समझाईश दी कि वे किसी भी सूरत में नदी के आसपास और कच्चे मकानों में नहीं जाएं। 1200 की आबादी वाले ग्राम-सारंगपुरी की निचली बस्तियों में बाढ़ की स्थिति आ गई है। इसके तहत् ग्रामीणों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है। यहां ग्रामीणों की सुविधा के लिए गोताखोर और नाव की व्यवस्था करने की बात भी कलेक्टर ने कही। इसी तरह अत्यधिक वर्षा और महानदी में भारी पानी बहाए जाने के कारण कोलियारी के 15 घर डूब गए हैं। ग्राम-अछोटा के 5 घर भी डूब गए हैं। इन दोनों गांव के बाढ़ प्रभावितों को राहत शिविर में भेज दिया गया है। उनके लिए राहत व्यवस्था की गई है। इसी तरह भोथली से कंडेल मार्ग में भी पानी चढ़ने से आवागमन बंद होने की खबर है।
पुराना रायपुर रोड बंद
भखारा प्रतिनिधि से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी-भखारा-रायपुर पुराना मार्ग में कानामुका नाला में पानी उपर आ जाने से मंगलवार को आवाजाही बंद रहा। यह मार्ग पुराना रायपुर रोड के नाम से जाना जाता है। नाला में पानी अधिक होने के कारण आवाजाही अधिक होने से लोगों को परेशानी हुई।
पानी देखने भीड़ उमड़ी
दो दिनों से अनवरत बारिश के बाद गंगरेल के गेट खुलने से लोगों की भीड़ गंगरेल की ओर उमड़ने लगी। जब पानी गंगरेल से रुद्री बैराज पहुंचा और रुद्री बैराज के सभी गेट खोलकर पानी महानदी में छोड़ा गया, तो पानी का यह विकराल रूप देखते ही बना। इसी स्थिति को देखने के लिए शहर तथा ग्रामीण अंचल के लोग बड़ी संख्या में गंगरेल, रुद्री तथा अछोटा पुल के उपर पहुंचे। जहां लोगों ने गंगरेल से निकलने वाले पानी का मनोरम दृश्य का आनंद उठाया। वहीं महानदी में बढ़ते जलस्तर को देखकर लोग रोमांचित हो उठे।
स्कूलों में छुट्टी
बारिश के कारण अधिकांश गांवों तथा शहर के वार्डों में स्थित स्कूल परिसर, आसपास तथा आवागमन के रास्ते बाधित होने के कारण सैकड़ों स्कूलों में मंगलवार को भी अध्ययन-अध्यापन कार्य प्रभावित रहा। स्कूलों में छुट्टी का माहौल रहा। कई स्कूलों में ताले ही नहीं खुले। शहर के भी कुछ स्कूलों में छुट्टियां दे दी गई। कलेक्टर द्वारा स्कूलों में छुट्टी करने का आदेश भी दिया गया।
800 मिमी औसत वर्षा दर्ज
धमतरी जिले में चालू बारिश सीजन के दौरान 1 जून से 5 अगस्त तक 800 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। कलेक्टोरेट स्थित भू-अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक इनमें सर्वाधिक नगरी तहसील में 961.6 मिलीमीटर एवं सबसे कम धमतरी तहसील में 729.6 मिलीमीटर वर्षा आंकी गई है। इसी तरह मगरलोड तहसील में 774.6 मिलीमीटर एवं कुरूद तहसील में 734.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है। 5 अगस्त को सुबह 8 बजे तक जिले की औसत वर्षा 113.8 मिलीमीटर दर्ज की गई है। सर्वाधिक वर्षा नगरी तहसील में 213 मिलीमीटर एवं सबसे कम कुरूद तहसील में 37 मिलीमीटर आंकी गई। इसके अलावा धमतरी तहसील में 145 मिलीमीटर एवं मगरलोड तहसील में 60.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश
रविशंकर सागर जलाशय के केचमेंट एरिया में अनवरत वर्षा से पानी की आवक को देखते हुए बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक रविशंकर जलाशय के केचमेंट एरिया में 184 मिलीमीटर, मुरूमसिल्ली जलाशय के केचमेंट एरिया में 288 मिलीमीटर एवं दुधावा के केचमेंट एरिया में 137 मिलीमीटर वर्षा हुई है। रविशंकर सागर बांध का जल स्तर आज सुबह नौ बजे की स्थिति में 348.57 मीटर है। यहाँ से फिलहाल एक लाख 64 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वर्षा की स्थिति एवं पानी की आवक को देखते हुए रविशंकर सागर जलाशय से दो लाख क्यूसेक पानी छोडे़ जाने की संभावना है। अधीक्षण अभियंता, महानदी जलाशय परियोजना से मिली जानकारी के मुताबिक तटीय इलाके में जलस्तर की वृद्धि की संभावनाओं के तहत् ग्रामीणों को सचेत रहने की सूचना दी गई है।
Source: Chhattisgarh Hindi News & MP Hindi News
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