Friday, 8 August 2014

Floodwater dangerous life swiming river bridge shivpurimp

पोहरी से 45 किलोमीटर दूर छर्च से जुड़े आधा दर्जन गांव के ग्रामीण आज भी ट्यूब पर तैरकर नदी पार करने को मजबूर हैं। यह क्रम एक-दो दिन का नहीं, बल्कि प्रतिदिन का है, जहां रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीजों को लाने-ले जाने के लिए भी ट्यूब पर तैरकर ही ग्रामीणों को आना पड़ता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि वर्ष 1947 से लेकर 2014 तक इन 6 गांव के ग्रामीणों को सड़क, पुल, पुलिया तो दूर एक रपटा तक नसीब नहीं हो सका है।

आधा दर्जन गांव के लोग खतरे में डाल रहे जिदंगी

करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोग बरसात के दिनों में अपनी जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। बरसात के दिनों में पोहरी और छर्च आने के लिए डिगडौली, इदुरकी, टुकी, गाजेट, पारा के ग्रामीणों को ट्यूब का सहारा लेना पड़ता है। यहां भारी बारिश की वजह से कूनो नदी में पानी आ गया है, इस वजह से अब इन गांव के ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गईं हैं।

ट्यूब पर लिटकर लाए जा रहे रोगी

ग्रामीण मुलायम जाटव, विष्णु जाटव, दीपक शर्मा, गिर्राज जाटव ,छोटू जाटव, कलुआ जाटव, जानकीलाल जाटव, उदयराज जाटव, राजेश जाटव का कहना है कि चुनाव के समय वोट लेने के लिए नेता तमाम वादे करते हैं। उनकी उम्र लगभग 25 से 30 और 40 साल हो गई है। इतने सालों में न जाने कितने नेता आए और वोट लेकर चले गए, परंतु न तो पुल बने और न ही सड़क। स्थिति यह है कि कूनो नदी उफान पर है और गांव में बीमार हो रहे लोगों को ट्यूब पर खटिया डालकर नदी पार कराई जाती है।

अधूरा पड़ा पुल, बीते 5 साल

पांच साल बीत जाने के बाद भी पुल पर चल रहा निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। डिगडौली-टुकी गांव पहुंचने के लिए खरवाया से एवं पारा-गाजेट गांव जाने के लिए हिनौतिया गांव से ट्यूब के सहारे जाना पड़ रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों ने पुल बनाने की मांग मुख्यमंत्री, कलेक्टर और स्थानीय विधायक से कई बार की, परंतु सुनवाई नहीं हो रही है। इस समय इन गांव के स्कूल भी बंद पड़े हैं और शिक्षक ऐसी हालत में स्कूल पढ़ाने नहीं पहुंच पा रहे हैं।

ये बोले विधायक

मेरी नजर में ट्यूब पर तैरकर नदी पार करने वाली कोई समस्या पूरी विधानसभा में नहीं है। ट्यूब पर तैरकर नदी पार ही नहीं की जा सकती है। बनाया जा रहा पुल एक अतिरिक्त सेवा है जो राजस्थान को इस क्षेत्र से जोड़ेगा।

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