छत्तीसगढ़ में चार अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट बस्तर जिले के डिलीमिली, बिलासपुर के दगोरी, दंतेवाड़ा के गीदम और राजनांदगांव जिले में स्थापित किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मंगलवार को नईदिल्ली में केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के सचिव जी. मोहन कुमार ने मुलाकात की और उन्हें इन इस्पात संयंत्रों की स्थापना के लिए केंद्र की ओर से की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ इन संयंत्रों के निर्माण के लिए एसपीव्ही गठन के बारे में भी विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य में चार अल्ट्रा मेगा इस्पात संयंत्रों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रदेश की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। उन्होंने इन संयंत्रों की स्थापना के स्थल चयन के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि इनकी स्थापना में छत्तीसगढ़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन संयंत्रों की स्थापना से राज्य के पिछड़े इलाकों के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी आएगी और बड़ी संख्या में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मेगा अल्ट्रा स्टील प्लांट में उत्पादित स्टील का अधिकांश उपयोग राज्य के अधोसंरचना निर्माण में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन स्टील प्लांट की स्थापना से राज्य में ही वैल्यू एडीशन हो। इससे राज्य के लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्टील प्लांट की स्थापना से प्रभावित ग्रामीणों का आधुनिकतम पुनर्वास किया जाएगा। उन्हें रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा की आधुनिकतम सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इस्पात सचिव जी. मोहनकुमार ने बताया कि राष्ट्रीय नीति के अनुसार देश में वर्ष 2025-26 तक प्रतिवर्ष 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पॉवर सेक्टर की तर्ज पर एसपीवी बनाकर अल्ट्रा मेगा इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट स्थापित किए जाने का लक्ष्य है ।
छत्तीसगढ़ का योगदान इसमें सबसे महत्वपूर्ण होगा। छत्तीसगढ़ मुख्य सचिव विवेक ढांड ने कहा कि राज्य सरकार स्टील प्लांट के लिए भू-अर्जन, वॉटर लिंकेज, अधोसंरचना, आयरन व कोल लिंकेज, बिजली और पर्यावरण क्लियरेंस आदि की दिशा में तेजी से कार्य करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध कुमार सिंह व आवासीय आयुक्त व्ही.बी. उमादेवी भी मौजूद थीं।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य में चार अल्ट्रा मेगा इस्पात संयंत्रों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रदेश की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। उन्होंने इन संयंत्रों की स्थापना के स्थल चयन के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि इनकी स्थापना में छत्तीसगढ़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन संयंत्रों की स्थापना से राज्य के पिछड़े इलाकों के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी आएगी और बड़ी संख्या में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मेगा अल्ट्रा स्टील प्लांट में उत्पादित स्टील का अधिकांश उपयोग राज्य के अधोसंरचना निर्माण में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन स्टील प्लांट की स्थापना से राज्य में ही वैल्यू एडीशन हो। इससे राज्य के लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्टील प्लांट की स्थापना से प्रभावित ग्रामीणों का आधुनिकतम पुनर्वास किया जाएगा। उन्हें रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा की आधुनिकतम सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इस्पात सचिव जी. मोहनकुमार ने बताया कि राष्ट्रीय नीति के अनुसार देश में वर्ष 2025-26 तक प्रतिवर्ष 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पॉवर सेक्टर की तर्ज पर एसपीवी बनाकर अल्ट्रा मेगा इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट स्थापित किए जाने का लक्ष्य है ।
छत्तीसगढ़ का योगदान इसमें सबसे महत्वपूर्ण होगा। छत्तीसगढ़ मुख्य सचिव विवेक ढांड ने कहा कि राज्य सरकार स्टील प्लांट के लिए भू-अर्जन, वॉटर लिंकेज, अधोसंरचना, आयरन व कोल लिंकेज, बिजली और पर्यावरण क्लियरेंस आदि की दिशा में तेजी से कार्य करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध कुमार सिंह व आवासीय आयुक्त व्ही.बी. उमादेवी भी मौजूद थीं।
No comments:
Post a Comment