Friday, 1 August 2014

Nag panchami exhibition of the king cobra the ban ineffective

भारत सरकार के नोटिफिकेशन के बावजूद नियमों पर आस्था व आस्था के नाम पर आमदनी का खेल बदस्तूर जारी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सर्प की उस दुर्लभ प्रजाति की जिसके संरक्षण के लिए भारत सरकार अरबों रुपए पानी की तरह बहा रही है। उस प्रजाति का नाम है किंग कोबरा। प्राणाघातक विष को अपने विषों की थैली में संजोकर रखने वाले किंग कोबरा के इस जहर की कीमत भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अरबों में है।

यही कारण है कि खाना बदोश जिंदगी जीने वाले सपेरे धार्मिक पर्व नागपंचमी की आड पर विंध्य के रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली के जंगलों में पाए जाने वाले कोबरा नाम के सर्प को पकड़कर उसका जहर निकालते हैं और फिर उसकी नुमाइश पढ़े लिखे तबकों में करते है।

धर्म की आड़ में नियमों की अवहेलना किसी को दिखाई-सुनाई नही देती। हर कोई किंग कोबरा सर्प को भगवान शंकर के गले का सर्प मानकर पूजा अर्चना करता है और सपेरे भी इसका जमकर लाभ उठाते हैं। शुक्रवार की सुबह से ही सतना में तकरीबन दो सैकड़ा सपेरे अपने बांस की बनी छोटी टोकरी जिसमें ढक्कन लगा होता है उसमे सर्पो को कैद कर नुमाइश के लिए बीन बजाते शहर के किसी भी चौराहे में देखे जा सकते हैं।

उड़ रही नियमों की धज्जियां

अगर नियमों की बात की जाए तो भारत सरकार ने 2008 में कोबरा प्रजाति को बिलुप्त होती सर्प की प्रजाति में डाल दिया था। जिसके बाद इसे संरक्षित करने का फैसला भारत सरकार के वन विभाग ने लिया था। 2010 में कोबरा सांप के पकडने, नुमाइश करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया था। जिसके बाद भारत सरकार ने सभी प्रदेश सरकारों को पत्र लिखकर कोबरा के संरक्षण कराए जाने की बात कही थी।

जिसके बाद मप्र सरकार के तत्कालिक चीफ कंजरवेटर ने आदेश जारी कर कोबरा के पकड़ने व नुमाइश पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद से सपेरों द्वारा नुमाइश कराने पर उन्हें पकड़कर उनके विरूद्घ वन्य प्राणी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है। जबकि पकड़े गए सर्पो को जंगल में आजाद कर दिया जाता है।

संभाग में उड़ रहीं धज्जियां

रीवा संभाग के सतना, सीधी, सिंगरौली व रीवा में शुक्रवार की सुबह से ही बेखौफ किंग कोबरा की नुमाइश बस्तूर जारी रही। हद तो तब हो गई जब वन विभाग के कर्मचारी अपने पूरे परिवार के साथ किंग कोबरा के दर्शन करते नजर आए, उन्हें नियमों की याद तक न आई।

कोबरा को भारत सरकार ने संरक्षित करने का आदेश पूर्व में जारी किया था। मैने भी आदेश दिया है। यह सही है कि लगातार शिकायतें मिल रही हैं, मै चारो जिलों के डीएफओ को कोबरा की नुमाइश करने वाले सपेरों को पकडने व किंग कोबरा को जंगलों में आजाद कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। - पीके सिंह, सीसीएफ

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