शहर के सोनोग्राफी सेंटरों पर एक्टिव ट्रेकर डिवाइस लगाने के बाद कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। सोनोग्राफी सेंटरों पर 18 साल से कम आयु की 31 लड़कियों की सोनोग्राफी रिपोर्ट की जांच में पता चला है कि 6 नाबालिग और अविवाहित लड़कियां गर्भवती हैं। इस हकीकत ने सबको हिलाकर रख दिया है।
जांच के नतीजों से सोनोग्राफी सेंटरों की हकीकत तो सामने आई ही है, समाज का छिपा हुआ रूप भी सामने आ गया है। पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की जिला सलाहकार समिति भी पसोपेश में पड़ गई है कि इस मामले में सोनोग्राफी सेंटरों पर किस तरह की कार्रवाई की जाए।
मई और जून 2014 में शहर के कुछ सोनोग्राफी सेंटरों पर ऐसी 31 लड़कियों की भी सोनोग्राफी हुई, जिनकी उम्र 18 साल से कम थी। जिला प्रशासन के सामने यह तथ्य आने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग को इस मामले की जांच दी गई। प्रशासन को आशंका थी कि 18 साल से कम उम्र होने के कारण इन लड़कियों के बाल विवाह हुए होंगे, लेकिन जांच में मामला और चौंकाने वाला निकला।
जब संबंधित लड़कियों के परिवार, उम्र आदि के दस्तावेजों की जांच की गई तो बिगड़ते सामाजिक परिवेश का स्वरूप सामने आ गया। छह लड़कियां ऐसी हैं, जिनकी उम्र 17 साल या इससे भी कम है। उनका विवाह भी नहीं हुआ, लेकिन वे गर्भवती थीं। शेष मामलों में लड़कियां विवाहित पाई गईं, लेकिन गलती से उनकी उम्र कम लिखा दी गई थी। जांच रिपोर्ट सलाहकार समिति को मिल चुकी है। अब समिति की बैठक में इस पर विचार-विमर्श होगा कि आगे क्या किया जाए।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए उठाया था कदम
जिले में 219 सोनोग्राफी सेंटर हैं, जिनमें 293 मशीनें हैं। कन्या भू्रण हत्या को रोकने और लिंगानुपात का संतुलन बनाए रखने के लिए कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने हर सोनोग्राफी मशीन पर निगरानी के लिए एक्टिव ट्रेकर डिवाइस लगाने की योजना बनाई। इसके तहत जिले के लगभग सभी सेंटरों पर ये डिवाइस लगाए जा चुके हैं। साथ ही सोनोग्राफी सेंटरों पर होने वाली हर सोनोग्राफी के लिए फॉर्म-एफ भरना और इसे पीसी एंड पीएनडीटी सलाहकार समिति के सर्वर पर ऑनलाइन करना अनिवार्य किया गया है। इसका कंट्रोलिंग कलेक्टर कार्यालय में है, जिसके जरिए कलेक्टर और समिति के जिम्मेदार अधिकारी इसे कभी भी ऑनलाइन देख सकते हैं।
ये है लिंगानुपात की स्थिति
स्थान लिंगानुपात
इंदौर शहर 895
इंदौर जिला 901
सांवेर ब्लॉक 903
हातोद ब्लॉक 915
देपालपुर ब्लॉक 919
महू ब्लॉक 921
जांच के नतीजों से सोनोग्राफी सेंटरों की हकीकत तो सामने आई ही है, समाज का छिपा हुआ रूप भी सामने आ गया है। पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की जिला सलाहकार समिति भी पसोपेश में पड़ गई है कि इस मामले में सोनोग्राफी सेंटरों पर किस तरह की कार्रवाई की जाए।
मई और जून 2014 में शहर के कुछ सोनोग्राफी सेंटरों पर ऐसी 31 लड़कियों की भी सोनोग्राफी हुई, जिनकी उम्र 18 साल से कम थी। जिला प्रशासन के सामने यह तथ्य आने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग को इस मामले की जांच दी गई। प्रशासन को आशंका थी कि 18 साल से कम उम्र होने के कारण इन लड़कियों के बाल विवाह हुए होंगे, लेकिन जांच में मामला और चौंकाने वाला निकला।
जब संबंधित लड़कियों के परिवार, उम्र आदि के दस्तावेजों की जांच की गई तो बिगड़ते सामाजिक परिवेश का स्वरूप सामने आ गया। छह लड़कियां ऐसी हैं, जिनकी उम्र 17 साल या इससे भी कम है। उनका विवाह भी नहीं हुआ, लेकिन वे गर्भवती थीं। शेष मामलों में लड़कियां विवाहित पाई गईं, लेकिन गलती से उनकी उम्र कम लिखा दी गई थी। जांच रिपोर्ट सलाहकार समिति को मिल चुकी है। अब समिति की बैठक में इस पर विचार-विमर्श होगा कि आगे क्या किया जाए।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए उठाया था कदम
जिले में 219 सोनोग्राफी सेंटर हैं, जिनमें 293 मशीनें हैं। कन्या भू्रण हत्या को रोकने और लिंगानुपात का संतुलन बनाए रखने के लिए कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने हर सोनोग्राफी मशीन पर निगरानी के लिए एक्टिव ट्रेकर डिवाइस लगाने की योजना बनाई। इसके तहत जिले के लगभग सभी सेंटरों पर ये डिवाइस लगाए जा चुके हैं। साथ ही सोनोग्राफी सेंटरों पर होने वाली हर सोनोग्राफी के लिए फॉर्म-एफ भरना और इसे पीसी एंड पीएनडीटी सलाहकार समिति के सर्वर पर ऑनलाइन करना अनिवार्य किया गया है। इसका कंट्रोलिंग कलेक्टर कार्यालय में है, जिसके जरिए कलेक्टर और समिति के जिम्मेदार अधिकारी इसे कभी भी ऑनलाइन देख सकते हैं।
ये है लिंगानुपात की स्थिति
स्थान लिंगानुपात
इंदौर शहर 895
इंदौर जिला 901
सांवेर ब्लॉक 903
हातोद ब्लॉक 915
देपालपुर ब्लॉक 919
महू ब्लॉक 921
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