अगर आपको किसी से जान का खतरा है और अपनी सुरक्षा में टीआई (टाउन इंस्पेक्टर) चाहते हैं तो इसके लिए आपको रोजना 3100 रुपए सरकारी खजाने में जमा कराने होंगे। एक महीने के 61 हजार व साल के 7 लाख 60 हजार रुपए में आप यह सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। राज्य शासन ने निजी सुरक्षा गार्ड के लिए इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक का शुल्क तय कर दिया है। हालांकि, पुलिस सुरक्षा मांगने वाली संस्था व व्यक्ति को सुरक्षा दी जानी है या नहीं, इसका निर्णय एसपी द्वारा किया जाएगा।
गृह विभाग ने बैंकों व अन्य व्यावसायिक संस्थानों व निजी सुरक्षा गार्ड के लिए टीआई, एसआई, एएसआई, हवलदार और सिपाही तक का प्रतिदिन, मासिक व सालाना शुल्क तय कर दिया है।
यह शुल्क तय किया है-
अधिकारी-वार्षिक-प्रतिदिन
टीआई -7.6 लाख -3100
एसआई -6.25 लाख -2600
एएसआई -4.6 लाख -2500
हवलदार -4.25 लाख- 1700
आरक्षक -4लाख -1600
नोट - इन दरों में वेतन भत्ते आदि के साथ पेंशन, अवकाश, वेतन आर्म्स- एम्यूनेशन, बिजली, पानी आदि के समस्त, खर्चे शामिल हैं। बिना पद की स्वीकृति दिए जा रहे गार्ड के अस्थायी रूप से माना जाएगा!!! क्या
छह माह का भुगतान अग्रिम देना होगा-
निजी गार्ड के लिए 6 माह की अग्रिम राशि सरकारी खजाने में जमा करानी होगी। इसके अलावा एक वर्ष की राशि बैंक गांरटी के रूप में जमा करानी होगी।
एसपी तय करते हैं कि सुरक्षा देनी है या नहीं-
-किस व्यावसायिक संस्था या निजी व्यक्ति को किस रैंक की सुरक्षा देनी है इसका निर्णय एसपी करते हैं।
- यह जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति निर्धारित राशि जमा कराने के लिए तैयार हो जाए तो उसे सुरक्षा मिल ही जाएगी। आवेदन देने पर एसपी जांच कराकर इस बात का पता लगाते हैं कि जिस कारण से व्यक्ति व संस्था सुरक्षा मांग रही है, उसे इसकी आवश्यकता है या नहीं।
- किस स्तर के कौन से अधिकारी की सुरक्षा दी जाए, यह भी एसपी ही तय करते हैं।
गृह विभाग ने बैंकों व अन्य व्यावसायिक संस्थानों व निजी सुरक्षा गार्ड के लिए टीआई, एसआई, एएसआई, हवलदार और सिपाही तक का प्रतिदिन, मासिक व सालाना शुल्क तय कर दिया है।
यह शुल्क तय किया है-
अधिकारी-वार्षिक-प्रतिदिन
टीआई -7.6 लाख -3100
एसआई -6.25 लाख -2600
एएसआई -4.6 लाख -2500
हवलदार -4.25 लाख- 1700
आरक्षक -4लाख -1600
नोट - इन दरों में वेतन भत्ते आदि के साथ पेंशन, अवकाश, वेतन आर्म्स- एम्यूनेशन, बिजली, पानी आदि के समस्त, खर्चे शामिल हैं। बिना पद की स्वीकृति दिए जा रहे गार्ड के अस्थायी रूप से माना जाएगा!!! क्या
छह माह का भुगतान अग्रिम देना होगा-
निजी गार्ड के लिए 6 माह की अग्रिम राशि सरकारी खजाने में जमा करानी होगी। इसके अलावा एक वर्ष की राशि बैंक गांरटी के रूप में जमा करानी होगी।
एसपी तय करते हैं कि सुरक्षा देनी है या नहीं-
-किस व्यावसायिक संस्था या निजी व्यक्ति को किस रैंक की सुरक्षा देनी है इसका निर्णय एसपी करते हैं।
- यह जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति निर्धारित राशि जमा कराने के लिए तैयार हो जाए तो उसे सुरक्षा मिल ही जाएगी। आवेदन देने पर एसपी जांच कराकर इस बात का पता लगाते हैं कि जिस कारण से व्यक्ति व संस्था सुरक्षा मांग रही है, उसे इसकी आवश्यकता है या नहीं।
- किस स्तर के कौन से अधिकारी की सुरक्षा दी जाए, यह भी एसपी ही तय करते हैं।
No comments:
Post a Comment