केलो डेम के चार गेट खोलने से नदी में उफान आ गया, जिसके कारण शहर के कई मार्ग जलमग्न हो गए। जिससे शहर के कई मार्ग अवरुद्घ हो गए और चौक चौराहों पर घंटों जाम लगा रहा। मरीन ड्राइव मार्ग से होकर जाने वालों को चक्रधरनगर की ओर से जाना पड़ रहा था। वहीं रेलवे क्रॉसिंग में वाहनों की भीड़ इकठ्ठी हो गई, इसलिए ट्रेन आने के समय गेट कीपर को फॉटक बंद करने काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
केलो बांध के चार गेट खोले जाने से शहर आने-जाने वाले कई मार्गों में पानी चढ़ गया, जिससे लोगों को रास्ता बदलकर जाना पड़ा। इससे कई रास्तों पर ट्रैफिक जाम हो गया, यहां तक चक्रधरनगर फॉटक बंद होने के बाद भी ट्रैक पर गाड़ियां खड़ी हो गई।
हालांकि, कोई हादसा नहीं हुआ लेकिन गेट में तैनात गेट कीपर को ट्रैक खाली कराने में पसीने छूट गए। क्योंकि जिस लाइन पर मेन्टेनेस ट्रेन खड़ी थी, उसी ट्रैक पर उत्कल एक्सप्रेस के आने का समय हो रहा था। गेट कीपर ने मामले की जानकारी अपने अधिकारियों को दी। जिसपर अधिकारियों के निर्देश पर जैसे-तैसे कर फॉटक बंद किया गया।
फाटक बंद करने के बाद सूझबूझ का परिचय देते हुए ट्रैक पर गाड़ी को खाली कराते हुए मेन्टेनेस ट्रेन को रवाना किया गया। जिसके बाद दोबारा फॉटक को खोलने के बाद वाहनों का आवागमन शुरू हो सका। उसके बाद भी रेलवे क्रॉसिंग पर वाहनों की लाइन लगी रही। मामले की जानकारी चक्रधरनगर पुलिस को मिलते ही पुलिस के जवान मौके पर पहुंचकर आवागमन को सुचारू करने लगे रहे। करीब 25 मिनट के बाद के बाद ही ट्रैक खाली हो सका।
बंद फॉटक बना मुसीबत
मरीन ड्राइव पर केलो का जलस्तर अधिक होने के कारण वहां आवागमन बाधित रहा। जिसके कारण लोग घूमकर अपने गतव्य की ओर जा रहे थे। लेकिन चक्रधरनगर रेलवे क्रॉसिंग बार-बार बंद होने के कारण वहां जाम की स्थिति निर्मित हो रही थी। हालांकि फॉटक खुलने के बाद यातायात सामान्य होता नजर आ रहा था। वहीं शासकीय कार्यालय जाने व कॉलेज जाने वाले लोगों को फॉटक बंद होने से परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं लोग अपने गतव्य तक समय से नहीं पहुंच पा रहे थे।
लोगों की बढ़ी परेशानी
केलो का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले वाशिंदों की परेशानी बढ़ा दी। दरअसल केलो के दक्षिणी इलाके में बनाया जा रहा मरीन ड्राइव पूरी तरह डूब जाने से पानी निचले मुहल्ले में घुसना शुरू हो गया। हालांकि यह स्थिति ज्यादा देर तक नहीं रही, लेकिन जितनी देर तक पानी का बहाव रहा मोहल्ले वासियों की जान अटकी रही। तीन बजे के बाद ही पानी मरीन ड्राइव से उतर चुका था। लेकिन पानी चक्रपथ से उतरने का नाम नहीं ले रहा था।
लाखा गांव से हटाए गए लोग
बांध में बढ़ते हुए पानी को देखते हुए प्रशासन ने लाखा गांव से लोगों को हटा लिया। बारिश का पानी हालांकि रुक चुका था, फिर भी सावधानी के बतौर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया था। लाखा गांव डूबान क्षेत्र में आता है और वहां के लोगों को हर बारिश में हटाया जाता है। इनके लिए दूसरी जगह घर बना दिया गया है पर कुछ लोग अभी भी गांव में ही रहते हैं।
प्रशासन ने अलर्ट जारी किया
महानदी में बढ़ते जलस्तर की खबरों के बीच जिला प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले गांवों को अलर्ट कर दिया है। अभी चार दिन पूर्व ही वहां के कई गांवों में पानी घुस गया था, जिससे कई एकड़ की फसल खराब हो गई थी।
केलो बांध के चार गेट खोले जाने से शहर आने-जाने वाले कई मार्गों में पानी चढ़ गया, जिससे लोगों को रास्ता बदलकर जाना पड़ा। इससे कई रास्तों पर ट्रैफिक जाम हो गया, यहां तक चक्रधरनगर फॉटक बंद होने के बाद भी ट्रैक पर गाड़ियां खड़ी हो गई।
हालांकि, कोई हादसा नहीं हुआ लेकिन गेट में तैनात गेट कीपर को ट्रैक खाली कराने में पसीने छूट गए। क्योंकि जिस लाइन पर मेन्टेनेस ट्रेन खड़ी थी, उसी ट्रैक पर उत्कल एक्सप्रेस के आने का समय हो रहा था। गेट कीपर ने मामले की जानकारी अपने अधिकारियों को दी। जिसपर अधिकारियों के निर्देश पर जैसे-तैसे कर फॉटक बंद किया गया।
फाटक बंद करने के बाद सूझबूझ का परिचय देते हुए ट्रैक पर गाड़ी को खाली कराते हुए मेन्टेनेस ट्रेन को रवाना किया गया। जिसके बाद दोबारा फॉटक को खोलने के बाद वाहनों का आवागमन शुरू हो सका। उसके बाद भी रेलवे क्रॉसिंग पर वाहनों की लाइन लगी रही। मामले की जानकारी चक्रधरनगर पुलिस को मिलते ही पुलिस के जवान मौके पर पहुंचकर आवागमन को सुचारू करने लगे रहे। करीब 25 मिनट के बाद के बाद ही ट्रैक खाली हो सका।
बंद फॉटक बना मुसीबत
मरीन ड्राइव पर केलो का जलस्तर अधिक होने के कारण वहां आवागमन बाधित रहा। जिसके कारण लोग घूमकर अपने गतव्य की ओर जा रहे थे। लेकिन चक्रधरनगर रेलवे क्रॉसिंग बार-बार बंद होने के कारण वहां जाम की स्थिति निर्मित हो रही थी। हालांकि फॉटक खुलने के बाद यातायात सामान्य होता नजर आ रहा था। वहीं शासकीय कार्यालय जाने व कॉलेज जाने वाले लोगों को फॉटक बंद होने से परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं लोग अपने गतव्य तक समय से नहीं पहुंच पा रहे थे।
लोगों की बढ़ी परेशानी
केलो का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले वाशिंदों की परेशानी बढ़ा दी। दरअसल केलो के दक्षिणी इलाके में बनाया जा रहा मरीन ड्राइव पूरी तरह डूब जाने से पानी निचले मुहल्ले में घुसना शुरू हो गया। हालांकि यह स्थिति ज्यादा देर तक नहीं रही, लेकिन जितनी देर तक पानी का बहाव रहा मोहल्ले वासियों की जान अटकी रही। तीन बजे के बाद ही पानी मरीन ड्राइव से उतर चुका था। लेकिन पानी चक्रपथ से उतरने का नाम नहीं ले रहा था।
लाखा गांव से हटाए गए लोग
बांध में बढ़ते हुए पानी को देखते हुए प्रशासन ने लाखा गांव से लोगों को हटा लिया। बारिश का पानी हालांकि रुक चुका था, फिर भी सावधानी के बतौर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया था। लाखा गांव डूबान क्षेत्र में आता है और वहां के लोगों को हर बारिश में हटाया जाता है। इनके लिए दूसरी जगह घर बना दिया गया है पर कुछ लोग अभी भी गांव में ही रहते हैं।
प्रशासन ने अलर्ट जारी किया
महानदी में बढ़ते जलस्तर की खबरों के बीच जिला प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले गांवों को अलर्ट कर दिया है। अभी चार दिन पूर्व ही वहां के कई गांवों में पानी घुस गया था, जिससे कई एकड़ की फसल खराब हो गई थी।
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