वार्डों का आरक्षण अभी नहीं हुआ है। लेकिन वार्डों में उम्मीदवारी को लेकर गणितबाजी शुरू हो गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लोग आरक्षण के इंतजार में हैं। महिला आरक्षित वार्डों में पार्षद पति इस बार खुद चुनाव लड़ने की जुगत में हैं। जो वार्ड इस बार महिला आरक्षित हैं, वहां पुरुष होना निश्चित हैं। ऐसी स्थितियों में पत्नियों को किनारे करके पति खुद पार्षद चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
कुल मिलाकर भाजपा के राज में पार्षद पतियों के अच्छे दिन आने वाले हैं। कुछ महिला पार्षदों के बेटे और ससुर भी किस्मत आजमा सकते हैं। चुनाव का दंभ भरने वाले कई पतियों और बेटों के लिए पार्षद चुनाव पहली दफा नहीं होगा। वे पहले भी पार्षद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
पति ही संभालते हैं महिला पार्षदों का काम
अभी तक महिला पार्षदों का काम उनके पति ही संभाल रहे हैं। जनता से मिलने जुलने से लेकर चुनाव संचालन और वार्डों का सारा काम पति ही संभालते हैं। कुछ महिला पार्षदों के पति पहले भी पार्षद रह चुके हैं। इसलिए वार्ड की राजनीति में वे इतने मंज गए हैं कि जनता भी उनके इशारे पर खड़ी हो जाती है। पार्टी का कार्यक्रम हो या फिर नगर निगम का, हर जगह पार्षद पति आवश्यक रूप से मौजूद रहते हैं।
पत्नी को तीसरी बार निर्दलीय बनाने की इच्छा
शहीद मनमोहन सिंह बख्शी वार्ड-12 के पार्षद पति चंद्रशेखर तिवारी मंडी में नौकरी पर हैं। इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकते। लिहाजा वे अपनी पत्नी को तीसरी बार निर्दलीय पार्षद बनाकर एक रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं। उनका कहना है कि अभी तक कोई महिला लगातार निर्दलीय पार्षद नहीं बनी है। यदि तीसरी बार वार्ड सामान्य होता है तो उसकी पत्नी अर्थात अंजू तिवारी ही चुनाव लड़ेंगी।
मीनल की जगह होंगे छगन
डॉ.खूबचंद बघेल वार्ड की वर्तमान पार्षद मीनल चौबे की छवि एक तेजतर्रार और बोल्ड महिला नेत्री की है। निगम की सामान्य सभा से लेकर पार्टी के कार्यक्रमों में भी मोर्चा की बाकी नेताओं से वे आगे ही रहती हैं। लेकिन यदि इस बार उनका वार्ड सामान्य पुरुष हुआ तो उनके पति छगन चौबे उन्हें किनारे करके चुनाव लड़ेंगे। ी चौबे इसके पहले भी पार्षद रह चुके हैं और एमआईसी के विद्युत विभाग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में उनका पूरा अनुभव चुनाव में काम आएगा। वैसे भी चंगोराभाठा के विकास को लेकर जब भी चर्चा होती है, तो उनका नाम जरूर आता है।
मां की जगह लड़ेगा बेटा
कालीमाता वार्ड की पार्षद श्रीमती नंदावरी साहू भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती हैं। इसके पहले उनके बेटे डॉ.प्रमोद साहू निर्दलीय पार्षद थे। अबकी बार यदि यहां पर पिछड़ा वर्ग या पुरुष सामान्य होता है तो डॉ.प्रमोद साहू ही मैदान पर होंगे।
वार्ड का नाम पार्षद कौन लड़ेगा चुनाव
डॉ.खूबचंद बघेल वार्ड -67 मीनल चौबे (भाजपा) पति छगन चौबे (पति)
बंजारी माता वार्ड -5 राधिका राव (कांग्रेस) नागभूषण राव (पति)
शहीद मनमोहन सिंह बख्शी वार्ड-12 अंजू तिवारी (निर्दलीय) अंजू तिवारी
कालीमाता वार्ड - 30 नंदावरी साहू (भाजपा) डॉ.प्रमोद साहू (बेटा)
शहीद वीरनारायण सिंह वार्ड -32 सीमा साहू (भाजपा) संतोष साहू (पति)
पं.जवाहर लाल नेहरू वार्ड -37 भारती बागल(भाजपा) अवतार बागल (पति)
सदर बाजार वार्ड - 39 रानी जैन (कांग्रेस) सतीश जैन(पति)
ले. अरविन्द दीक्षित वार्ड- 47 कविता ग्वालानी(कांग्रेस) शिव ग्वालानी (पति)
महंत लक्ष्मी नारायण दास वार्ड-61 अनिता यादव (भाजपा) अरविंद यादव (पति)
रमण मंदिर वार्ड -21 नीतू तिवारी (कांग्रेस) राजू घनश्याम तिवारी (पति)
संत रविदास वार्ड-70 धनेश्वरी ध्रुव (भाजपा) मयाराम ध्रुव (ससुर)
वीरांगना अवंति बाई वार्ड-6 अंजनी विभार (कांग्रेस) राधेश्याम विभार (पति)
इंदिरा गांधी वार्ड -20 ममता अग्रवाल (भाजपा) सुभाष अग्रवाल (पति)
कुल मिलाकर भाजपा के राज में पार्षद पतियों के अच्छे दिन आने वाले हैं। कुछ महिला पार्षदों के बेटे और ससुर भी किस्मत आजमा सकते हैं। चुनाव का दंभ भरने वाले कई पतियों और बेटों के लिए पार्षद चुनाव पहली दफा नहीं होगा। वे पहले भी पार्षद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
पति ही संभालते हैं महिला पार्षदों का काम
अभी तक महिला पार्षदों का काम उनके पति ही संभाल रहे हैं। जनता से मिलने जुलने से लेकर चुनाव संचालन और वार्डों का सारा काम पति ही संभालते हैं। कुछ महिला पार्षदों के पति पहले भी पार्षद रह चुके हैं। इसलिए वार्ड की राजनीति में वे इतने मंज गए हैं कि जनता भी उनके इशारे पर खड़ी हो जाती है। पार्टी का कार्यक्रम हो या फिर नगर निगम का, हर जगह पार्षद पति आवश्यक रूप से मौजूद रहते हैं।
पत्नी को तीसरी बार निर्दलीय बनाने की इच्छा
शहीद मनमोहन सिंह बख्शी वार्ड-12 के पार्षद पति चंद्रशेखर तिवारी मंडी में नौकरी पर हैं। इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकते। लिहाजा वे अपनी पत्नी को तीसरी बार निर्दलीय पार्षद बनाकर एक रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं। उनका कहना है कि अभी तक कोई महिला लगातार निर्दलीय पार्षद नहीं बनी है। यदि तीसरी बार वार्ड सामान्य होता है तो उसकी पत्नी अर्थात अंजू तिवारी ही चुनाव लड़ेंगी।
मीनल की जगह होंगे छगन
डॉ.खूबचंद बघेल वार्ड की वर्तमान पार्षद मीनल चौबे की छवि एक तेजतर्रार और बोल्ड महिला नेत्री की है। निगम की सामान्य सभा से लेकर पार्टी के कार्यक्रमों में भी मोर्चा की बाकी नेताओं से वे आगे ही रहती हैं। लेकिन यदि इस बार उनका वार्ड सामान्य पुरुष हुआ तो उनके पति छगन चौबे उन्हें किनारे करके चुनाव लड़ेंगे। ी चौबे इसके पहले भी पार्षद रह चुके हैं और एमआईसी के विद्युत विभाग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में उनका पूरा अनुभव चुनाव में काम आएगा। वैसे भी चंगोराभाठा के विकास को लेकर जब भी चर्चा होती है, तो उनका नाम जरूर आता है।
मां की जगह लड़ेगा बेटा
कालीमाता वार्ड की पार्षद श्रीमती नंदावरी साहू भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती हैं। इसके पहले उनके बेटे डॉ.प्रमोद साहू निर्दलीय पार्षद थे। अबकी बार यदि यहां पर पिछड़ा वर्ग या पुरुष सामान्य होता है तो डॉ.प्रमोद साहू ही मैदान पर होंगे।
वार्ड का नाम पार्षद कौन लड़ेगा चुनाव
डॉ.खूबचंद बघेल वार्ड -67 मीनल चौबे (भाजपा) पति छगन चौबे (पति)
बंजारी माता वार्ड -5 राधिका राव (कांग्रेस) नागभूषण राव (पति)
शहीद मनमोहन सिंह बख्शी वार्ड-12 अंजू तिवारी (निर्दलीय) अंजू तिवारी
कालीमाता वार्ड - 30 नंदावरी साहू (भाजपा) डॉ.प्रमोद साहू (बेटा)
शहीद वीरनारायण सिंह वार्ड -32 सीमा साहू (भाजपा) संतोष साहू (पति)
पं.जवाहर लाल नेहरू वार्ड -37 भारती बागल(भाजपा) अवतार बागल (पति)
सदर बाजार वार्ड - 39 रानी जैन (कांग्रेस) सतीश जैन(पति)
ले. अरविन्द दीक्षित वार्ड- 47 कविता ग्वालानी(कांग्रेस) शिव ग्वालानी (पति)
महंत लक्ष्मी नारायण दास वार्ड-61 अनिता यादव (भाजपा) अरविंद यादव (पति)
रमण मंदिर वार्ड -21 नीतू तिवारी (कांग्रेस) राजू घनश्याम तिवारी (पति)
संत रविदास वार्ड-70 धनेश्वरी ध्रुव (भाजपा) मयाराम ध्रुव (ससुर)
वीरांगना अवंति बाई वार्ड-6 अंजनी विभार (कांग्रेस) राधेश्याम विभार (पति)
इंदिरा गांधी वार्ड -20 ममता अग्रवाल (भाजपा) सुभाष अग्रवाल (पति)
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