फफूंद लगी ग्लूकोज मामले में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) सवालों के घेरे में हैं। सवाल यह है कि क्या खरीदी करते वक्त कॉर्पोरेशन ने रिंजल लेक्टेट के सभी बैचों की जांच नहीं करवाई थी? क्योंकि कार्पोरेशन के गठन के बाद शुरुआती महीनों में जितनी भी दवाइयां खरीदी गईं, सभी की जांच करवाई जा रही थी। तब 9 दवाएं फेल हुई थीं, जिन्हें ब्लैक-लिस्टेड किया गया था। इतना ही नहीं कॉर्पोरेशन के सदस्यों ने शुरुआत में कुछ दवा कंपनियों का निरीक्षण भी किया था। क्या यह जांच बंद हो चुकी है? लेकिन इस पर कॉर्पोरेशन के अफसरों से जवाब नहीं मिला।
रिंजल लेक्टेट में फफूंद पाने का खुलासा 'नईदुनिया' में होने के बाद कॉर्पोरेशन का कहना है कि इस दवा से किसी व्यक्ति को कोई साइड-इफेक्ट नहीं हुआ है। इसकी जांच करवाई गई है। गौरतलब है कि 'नईदुनिया' ने बताया था कि कॉर्पोरेशन ने करीब 2 महीने पहले इंदौर की कंपनी डीजे लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को 5 लाख रिंजल लेक्टेट ड्रिप का वर्कआर्डर जारी किया था। कंपनी द्वारा सप्लाई के बाद बोतलें जिलों में भेज दी गईं। रायपुर जिला अस्पताल में इस्तेमाल के दौरान बोतल में फफूंद देखी गई और जब उसकी जांच करवाई तो 77 बैच में से 3 बैच में गड़बड़ी पाई गई। कंपनी को नोटिस जारी हुई है और अब उसे ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी है।
साइड-इफेक्ट नहीं पाया गया
जब हमें शिकायत मिली, उसके बाद जांच हुई, जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। इसके तत्काल बाद रिंजल लेक्टेट की बोतल जिन मरीजों को चढ़ाई गई थी, उनमें से कुछ से पूछताछ की गई। किसी में भी साइड-इफेक्ट नहीं पाया गया है। संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई जारी है।
स्वागत कुमार साहू, महाप्रबंधक (टेक्निकल), सीजीएमएससी
रिंजल लेक्टेट में फफूंद पाने का खुलासा 'नईदुनिया' में होने के बाद कॉर्पोरेशन का कहना है कि इस दवा से किसी व्यक्ति को कोई साइड-इफेक्ट नहीं हुआ है। इसकी जांच करवाई गई है। गौरतलब है कि 'नईदुनिया' ने बताया था कि कॉर्पोरेशन ने करीब 2 महीने पहले इंदौर की कंपनी डीजे लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को 5 लाख रिंजल लेक्टेट ड्रिप का वर्कआर्डर जारी किया था। कंपनी द्वारा सप्लाई के बाद बोतलें जिलों में भेज दी गईं। रायपुर जिला अस्पताल में इस्तेमाल के दौरान बोतल में फफूंद देखी गई और जब उसकी जांच करवाई तो 77 बैच में से 3 बैच में गड़बड़ी पाई गई। कंपनी को नोटिस जारी हुई है और अब उसे ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी है।
साइड-इफेक्ट नहीं पाया गया
जब हमें शिकायत मिली, उसके बाद जांच हुई, जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। इसके तत्काल बाद रिंजल लेक्टेट की बोतल जिन मरीजों को चढ़ाई गई थी, उनमें से कुछ से पूछताछ की गई। किसी में भी साइड-इफेक्ट नहीं पाया गया है। संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई जारी है।
स्वागत कुमार साहू, महाप्रबंधक (टेक्निकल), सीजीएमएससी
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