Thursday 31 July 2014

50 thousand students made ors

छत्तीसगढ़ के 13 जिलों के लगभग 50 हजार बच्चों ने ओआरएस घोल बनाकर रिकार्ड बनाया है। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा। बुधवार को छत्तीसगढ़ शिशु अकादमी और महावीर इंटरनेशनल की ओर से यह आयोजन किया गया। ओआरएस डे के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम में 10 से 18 वर्ष के बच्चों ने अन्य बच्चों को ओआरएस घोल बनाना सिखाया।

'बच्चे सिखाएं बच्चों को' नामक इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम के संयोजक मुकेश शाह ने बताया कि भारत में हर साल 0 से 5 वर्ष तक के लगभग 2 लाख बच्चों की मौत डायरिया के कारण होती है। यही कारण है कि बच्चों को इस संबंध में जानकारी देने के लिए यह आयोजन किया गया।

टीम ने किया अवलोकन

कार्यक्रम के अवलोकन के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम छत्तीसगढ़ आई हुई थी। स्कूलों में अवलोकन के बाद देर शाम वृंदावन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में ओआरएस घोल बनाने के रिकार्ड का सर्टिफिकेट संस्थान को प्रदान किया गया।

रायपुर के इन स्कूलों में आयोजन

संस्था के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.जयेश कावड़िया ने बताया कि कार्यक्रम में रायपुर से जेएन पाण्डेय स्कूल, मिंटू पब्लिक स्कूल, छत्रपति शिवाजी स्कूल, गुजराती स्कूल, बालाजी स्कूल, कन्या शाला सहित अन्य स्कूलों के बच्चे शामिल हुए।

ऐसे बनाएं ओआरएस घोल

बच्चों ने बच्चों को सिखाया कि 200 एमएल पानी में एक चुटकी नकम को घोल लें। इसके पश्चात इसमें नमक का 12 गुणा शक्कर मिलाएं। इस प्रकार ओआरएस का घोल घर पर ही तैयार किया जा सकता है।

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