Thursday 31 July 2014

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जीवाजी यूनिवर्सिटी प्रशासन बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट एण्ड कैटरिंग टेक्नोलॉजी (बीएचएम एण्ड सीटी) के 3 छात्रों की पढ़ाई पर 2 करोड़ रुपए खर्च करेगा। रोजगार की भरपूर संभावनाओं के बावजूद भारी भरकम फीस और योग्य शिक्षकों की कमी के चलते इस कोर्स से छात्रों ने कदम पीछे खींच लिए हैं। यही कारण है कि चालू शैक्षणिक सत्र में 60 सीट में से केवल 3 ही भरी हैं।

केन्द्र की मदद से संचालित है कोर्स

होटल मैनेजमेंट एण्ड कैटरिंग टेक्नोलॉजी रोजगारपरक कोर्स है। होटलों की बढ़ती संख्या और मनपसंद खाने की बढ़ती डिमांड से इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। केन्द्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने इसी उद्देश्य से बीएचएम एण्ड सीटी कोर्स को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य विश्वविद्यालयों को अनुदान दिए। 3 साल पहले जेयू को भी 2 करोड़ अनुदान स्वीकृत हुआ।

90 लाख के खरीदे जाएंगे उपकरण

जेयू में वर्ष 2012 में 3 वर्षीय यह कोर्स शुरू हुआ था। इसमें 40 ओपन और 20 पैमेंट सीट रखी गईं, लेकिन पहले साल केवल 8 छात्रों ने ही प्रवेश लिया, जो इसी साल पास आउट हो जाएंगे। दूसरे साल भी इतने ही छात्रों ने दिलचस्पी दिखाई, परंतु इस साल यह संख्या घटकर मात्र 3 रह गई। पर्यटन मंत्रालय ने 2 करोड़ रुपए अनुदान स्वीकृत किया है, जिसमें से 10 लाख रुपए जारी कर दिए हैं। जेयू इस राशि को खर्च कर चुका है। अब 90 लाख रुपए उपकरण खरीदने के लिए दिए जा रहे हैं। इसके लिए जेयू विज्ञापन जारी कर चुका है।

बंद नहीं करेंगे कोर्स

कोर्स संचालन के लिए कम से कम 5 एडमिशन जरूरी हैं, ऐसा न होने पर कोर्स बंद कर दिया जाता है। लेकिन बीएचएम एण्ड सीटी कोर्स बंद नहीं किया जाएगा। जेयू अधिकारियों का कहना है चूंकि कोर्स संचालन का खर्च पर्यटन मंत्रालय उठा रहा है, इसलिए कोर्स बंद नहीं हो सकता।

इसलिए खींचे कदम

    अंचल के छात्रों को इस रोजगारपरक कोर्स का अधिक ज्ञान नहीं है, फिर भी जेयू ने प्रचार-प्रसार नहीं किया।

    प्रदेश और अंचल के साथ ही अन्य जिलों के प्रमुख सरकारी कॉलेजों में काउंसलिंग की जाना चाहिए थी।

    अधिक फीस के कारण भी छात्रों ने कदम खींचे हैं।

    योग्य शिक्षकों की कमी है, साथ ही समय पर न तो क्लास लगती हैं और न ही परीक्षा व रिजल्ट घोषित होता है।

यह है कोर्स की स्थिति

    जेयू में संचालित बीएचएम एण्ड सीटी कोर्स में 40 ओपन और 20 पैमेंट सीट हैं।

    एडमिशन के लिए न्यूनतम योग्यता कम से कम 50 प्रतिशत के साथ इन्टरमीडिएट जरुरी है।

    कोर्स की अवधि 3 साल है, जिसके तहत 6 सेमेस्टर एग्जाम होते हैं।

    प्रत्येक सेमेस्टर की फीस 30 हजार से अधिक है।

इनका कहना है

कोर्स तो ठीक है लेकिन फीस बहुत अधिक है। पूछताछ में पता चला था कि शिक्षकों का भी संकट है। इसलिए एडमिशन नहीं लिया। -पंकज गुप्ता, छात्र।

कोर्स के प्रति अंचल के छात्रों का लगाव नहीं है। प्रचार, प्रसार की कमी और समय पर परीक्षा और रिजल्ट घोषित न होना भी कम एडमिशन का कारण है। कोर्स चूंकि पर्यटन मंत्रालय के अनुदान से संचालित है, इसलिए 3 एडमिशन के बाद भी उसे बंद नहीं किया जाएगा। -प्रो. आरए शर्मा, समन्वयक, बीएचएम एण्ड सीटी।


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