Monday 21 July 2014

Bijapur three prize maoists to surrender bsf camp

तीन इनामी नक्सलियों ने शनिवार को सीमा सुरक्षा बल के उपरपारा स्थित कैम्प में बीएसएफ व पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें एक नक्सली दंपति भी है। तीनों 2005 से नक्सली अभियान से जुड़े थे। राज्य शासन ने इन पर एक से लेकर दो लाख रुपए तक के इनाम घोषित किए थे। 29 अगस्त 2010 को भुसकी में एम्बुस लगाकर किए गए नक्सली हमले में तीनों ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस हमले में सीमा सुरक्षा बल के तीन व छत्तीसगढ़ पुलिस के दो जवान शहीद हुए थे। अन्य कई नक्सली गतिविधियों में भी तीनों संलिप्त रहे।

आत्मसर्पण करने वाले नक्सलियों में मिलेट्री कम्पनी प्लाटून के सक्रिय सदस्य सोमेश (30 वर्ष) पिता निलेश नुरेटी निवासी धनेली थाना कोरर, बत्ती बाई (23 वर्ष) पति दिलीप निवासी सराडुघामरे थाना दुर्गूकोंदल और दिलीप (25 वर्ष) पिता माहरु पोटाई निवासी पिपली थाना बड़गांव शामिल हैं। सोमेश प्लाटून नम्बर-2 का कमांडर, बत्ती बाई सेक्शन नम्बर-2 की सदस्य और दिलीप प्लाटून नंबर-2 का सेक्शन कमांडर था। तीनों कांकेर, नारायणपुर तथा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के सक्रिय मिलेट्री कम्पनी नम्बर-5 से संबंधित थे।

सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक एचएस चाहर तथा बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लुरी के समक्ष बीएसएफ चौकी अंतागढ़ में तीनों ने आत्मसमर्पण किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक आरएन दास, एसडीओपी दौलतराम पोर्ते, यूके नायल, वाईडी वशिष्ठ, एसके गुप्ता, निमन बक्सला, राजीव बिस्ट, थाना प्रभारी अंतागढ़ जीएस ठाकुर, एसआई राठौर व सीमा सुरक्षा बल के जवान उपस्थित थे।

सिविक एक्शन कार्यक्रम से प्रेरित

सोमेश नक्सलियों के रेडिकल स्टूडेंट संगठन का सक्रिय सदस्य रहा। वह आईईडी बनाने व लगाने में माहिर है। आत्मसमर्पण के दौरान उसने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के सिविक एक्शन कार्यक्रम से प्रेरित होकर उसने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया।

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