Thursday 31 July 2014

DEd collage take arbitrary fee

प्रदेश के डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) कॉलेज विद्यार्थियों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं। फीस पर किसी प्रकार का नियंत्रण न होने से यह स्थिति बनी है। डीएड कॉलेजों की इस मनमानी को लेकर शिकायतें भी आ चुकी हैं। इसके चलते डीएड कॉलेजों की जांच के निर्देश भी हुए हैं, लेकिन जांच अब तक शुरू नहीं हो पाई। उधर, डीएड कॉलेजों की एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ये अपनी सीटें पहले ही भर चुके हैं।

प्रदेश में 500 से अधिक डीएड कॉलेज हैं। इनमें करीब 27 हजार सीटें हैं। राजधानी में डीएड कॉलेजों की संख्या करीब 80 हैं। इन कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया पिछले महीने शुरू हुई थी। राजधानी सहित प्रदेशभर के डीएड कॉलेजों की सीटें फुल हो चुकी हैं। डीएड की अधिक डिमांड के चलते कॉलेजों ने विद्यार्थियों से मनमानी फीस वसूली है। स्थिति यह है कि राजधानी सहित प्रदेशभर के कॉलेजों में डीएड की कुल फीस 80 हजार से सवा लाख तक है। इनकी एडमिशन प्रक्रिया 15 जुलाई को खत्म हो चुकी है।

इसलिए कस नहीं पा रहा शिकंजा

डीएड कॉलेजों की फीस को लेकर सरकार ने अब तक कोई नियम ही नहीं बनाए हैं। इसके चलते डीएड कॉलेजों द्वारा मनमानी की जा रही है। कॉलेजों अपनी फीस के संबंध में कॉलेजों की वेबसाइट पर किसी प्रकार की जानकारी भी नहीं दी है। बीएड, एमएड सहित अन्य पाठ्यक्रमों की फीस तय करने के लिए फीस कमेटी का गठन हुआ है, लेकिन डीएड की फीस कॉलेज खुद तय कर रहे हैं।

एडमिशन में भी मनमानी

हैरत की बात तो यह है कि डीएड कॉलेजों की एडमिशन प्रक्रिया को लेकर भी कोई पारदर्शिता नहीं है। सभी पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन एडमिशन हो रहे हैं। बीएड में तो प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिले हुए हैं। इधर, डीएड में कॉलेज स्तर पर एडमिशन हो रहे हैं। इस वजह से डीएड कॉलेज खुलेआम सीटों को बेच रहे हैं। जो छात्र जितनी अधिक फीस देता है, उसका दखिला डीएड में हो जाता है।

परीक्षा देने आते हैं छात्र

डीएड कॉलेजों में पूरे साल क्लास तक नहीं लगती है। विद्यार्थी एडमिशन के बाद सीधे परीक्षा देने आते हैं। इसी की फीस विद्यार्थियों से वसूली जाती है। उधर, माध्यमिक शिक्षा मंडल भी डीएड कॉलेजों की मनमानी को लेकर गंभर नहीं है।

इनका कहना है

-डीएड कॉलेजों द्वारा अधिक फीस वसूली की बात सामने आईं हैं। इनकी जांच के लिए समिति बनाई गई। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

पारस चंद्र जैन, स्कल शिक्षा मंत्री

-कॉलेजों की जांच को लेकर समिति गठित हो गई है। समिति जल्द ही अपनी जांच शुरू करेगी।

पुष्पलता सिंह, सचिव, माशिमं

कुछ कॉलेजों की फीस

-मिलेनियम कॉलेज-85 हजार फीस

-तक्षशिला कॉलेज-80 हजार से अधिक

-कमलनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन-80 हजार से 1 लाख तक

-सभी कॉलेजों की लगभग यही स्थिति है

कॉलेजों एक नजर में

प्रदेश में डीएड कॉलेज-550

राजधानी में डीएड कॉलेज-80

डीएड कॉलेजों में सीटें-करीब 27 हजार

View more: News, Newspaper

No comments:

Post a Comment