Friday 18 July 2014

Chhattisgarh coal shortage power crisis will not

देश में कोयले की कमी के चलते बिजली उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। पावर कंपनी के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में कोयला है और इससे बिजली उत्पादन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कंपनी ने कोयले के स्टाक की पूर्ति के लिए एसईसीएल भी बात की है।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक कोरबा पूर्व-पश्चिम के संयंत्रों से बिजली उत्पादन का कार्य जारी है और इन संयंत्रों से 2424 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है। वहीं 210 मेगावाट की एक यूनिट मरम्मत के लिए बंद की गई है। कोयले का पर्याप्त स्टॉक भी है। बताया जा रहा हैकि एसईसीएल से प्रति वर्ष 124 मिलियन टन कोयले का उत्पादन होता है ऐसे में एनटीपीसी कोरबा और सीपत में बिजली उत्पादन प्रभावित नहीं हो सकता है

उल्लेखनीय है कि बीते छत्तीसगढ़ में भी कोयले का संकट खड़ा हो गया था, लेकिन राज्य सरकार ने एसईसीएल के सीएमडी से चर्चा कर कोयले की उपलब्धता और स्टॉक बढ़ाने को कहा था। इसके बाद छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी को पर्याप्त मात्रा में कोयले का स्टॉक दिया गया है। मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह और उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अमन सिंह ने कोयले की कमी से इंकार किया है।

छत्तीसगढ़ में कोयले की कमी नहीं है और बिजली उत्पादन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ रहा है। कोयले का पर्याप्त स्टॉक होने से बिजली उत्पादन जारी है। प्रदेश में बिजली संकट जैेसी स्थिति नहीं है।

-डॉ.रमन सिंह, मुख्यमंत्री , छत्तीसगढ़ शासन

छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन के लिए कोयले का संकट नहीं है। यहां पर पर्याप्त मात्रा में कोयले की उपलब्धता है। एसईसीएल को कोयले का स्टॉक बढ़ाने को कहा गया है।

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