Thursday 31 July 2014

Generic drugs gives in bhopal aiims

राजधानी के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) में इलाज कराना सस्ता पड़ेगा। दरअसल, प्रबंधन अपने डॉक्टरों से मरीजों को जेनरिक दवाइयां लिखवाएगा। जिनकी कीमत बाजार भाव से 10 से 20 गुना कम होगी।

बुधवार को ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के जनरल मैनेजर पीके सांतरा ने एम्स के डायरेक्टर डॉ. संदीप कुमार से मुलाकात की और एम्स में जेनरिक दवाइयां लिखने की अपील की। हालांकि डॉक्टरों को सिर्फ जेनरिक दवाइयों के लिखने का ही बंधन नहीं रहेगा।

10 से 20 गुना सस्ती दवाइयां

सांतरा प्रदेश के पहले जन औषधि स्टोर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। एम्स के पास स्थित इस स्टोर का उद्घाटन गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने किया। इस स्टोर में सिर्फ जेनरिक दवाइयां मिलेंगी, जो बाजार भाव से 10 से 20 गुना कम दामों पर उपलब्ध होंगी। वर्तमान में 242 तरह की दवाइयां स्टोर में उपलब्ध हैं। आगे चलकर 361 तरह की दवाइयां मिलेंगी। मेडिकल साइंसेस में इन 361 तरह की दवाइयों को थेरेप्यूटिक दवाइयां माना जाता है, जिनसे लगभग सभी तरह की बीमारियों का इलाज संभव है। हालांकि पहले दिन बहुत कम लोग इस स्टोर पर दवाइयां खरीदने पहुंचे।

निजी डॉक्टरों को करेंगे प्रेरित

सांतरा ने बताया कि केन्द्र सरकार चाहती है कि सभी डॉक्टर जेनरिक दवाइयां ही लिखें। प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टरों को जेनरिक दवाइयां लिखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए मध्यप्रदेश में जल्द ही एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो अपनी टीम के माध्यम से डॉक्टरों को जेनरिक दवाइयां लिखने के फायदे बताएगा।

3 साल में खुलेंगे 3 हजार स्टोर

अगले तीन साल में देश भर में तीन हजार जेनरिक दवाइयों के जनऔषधि स्टोर खुलेंगे। मध्यप्रदेश में स्टोर खोलने के लिए 25 आवेदन आए थे, जिसमें से दस के साथ एग्रीमेंट हो गया है। एक स्टोर को ड्रग लाइसेंस भी प्राप्त हो गया है। दवा स्टोर संचालक को दवाई पर 16 प्रतिशत मार्जिन प्राप्त होगा, जिससे इन्हें बेचना उसके लिए घाटे का सौदा साबित नहीं होगा। साथ ही मरीजों को 10 से 20 गुना ज्यादा सस्ती दवाइयां मिलेंगी।

प्रचार-प्रसार करेंगे

बीपीपीआई के जनरल मैनेजर सांतरा ने माना कि अभी लोगों में जेनरिक दवाओं के प्रति काफी गलतफहमी हैं, इन्हें दूर करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा। लोगों को जेनरिक दवाइयों के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनऔषधि स्टोर पर मिलने वाली सभी दवाइयां एनएबीएल लैब में जांचने के बाद बेची जाएंगी। दवाइयों का प्रत्येक बैच चेक किया जाएगा।

मरीज को कौन-सी दवा लिखना है, यह डॉक्टर के विवेक के ऊपर निर्भर करता है। हम एम्स के डॉक्टरों को जेनरिक दवाइयां लिखने के प्रति जागरूक करेंगे।

- डॉ. संदीप कुमार, डायरेक्टर, एम्स भोपाल


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