Thursday 31 July 2014

Never go to school and passed exam after bribe

फर्जी या गैर मान्यता प्राप्त बोर्ड से हायर सेकंडरी परीक्षा पास कर इंजीनियरिंग कर रहे छात्रों की जांच में कई खुलासे हो रहे हैं। इस फर्जीवाड़े की जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ छात्र 10 हजार रुपए परीक्षा फीस भरकर बोर्ड परीक्षा पास कर ली है, कुछ छात्रों को बोर्ड का पूरा नाम ही नहीं मालूम है, तो कुछ प्रायोगिक परीक्षा में भी शामिल नहीं हुए। फिर भी ज्यादातर छात्र प्रथम श्रेणी में बोर्ड परीक्षा पास कर लिए हैं। यह खुलासे फर्जीवाड़े की जांच कर रहे प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति (एएफआरसी) की सुनवाई में छात्र कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि फर्जी बोर्ड की डिग्रियों के सहारे 92 छात्रों ने पिछले साल प्रदेश के विभिन्न निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश ले लिया था। इन छात्रों की अंकसूची छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई भेजी गई थी। संदेह होने पर विश्वविद्यालय ने इन बोर्ड्स की जांच कराई, जिसमें चार बोर्ड फर्जी पाए गए। इनमें बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन मध्य भारत ग्वालियर, बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन नईदिल्ली, अजमेर बोर्ड और बोर्ड ऑफ स्कूल तथा तकनीकी एजुकेशन छत्तीसगढ़ बिलासपुर शामिल है।

फर्जी बोर्ड से डिग्रीधारी छात्र

बोर्ड छात्रों की संख्या

बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन मध्य भारत ग्वालियर 70

बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन नईदिल्ली 07

बोर्ड ऑफ स्कूल एवं तकनीकी एजुकेशन बिलासपुर 14

अजमेर बोर्ड 01

कुल 92 छात्र

सुनवाई में उपस्थित नहीं हो रहे पूरे छात्र

एएफआरसी ने फर्जी बोर्ड वाले छात्रों को अपना पक्ष रखने के लिए कार्यालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस दी थी। अलग-अलग बोर्ड के छात्रों को 16, 23 व 30 जुलाई को सुनवाई के लिए बुलाया गया था, लेकिन इस सुनवाई में पूरे छात्र उपस्थित नहीं हुए। बुधवार को सुनवाई के लिए बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन नईदिल्ली के सातों छात्रों को बुलाया गया था। इसमें केवल एक छात्र ही उपस्थित हुआ। वहीं एक छात्र ने पत्र के माध्यम से सफाई दी है।

फैसला 6 अगस्त को

एएफआरसी के सदस्य जेपी अग्रवाल ने बताया कि गैर मान्यता प्राप्त बोर्ड से इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने वाले मामले की सुनवाई पूरी हो गई है। इसमें चार बोर्ड से डिग्री लेने वाले 92 छात्रों को सुनाई के लिए अलग-अलग बुलाया गया था। एएफआरसी ने छात्रों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था। इस संबंध में अंतिम फैसला 6 अगस्त को सुनाया जाएगा।

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