Thursday 24 July 2014

Bhilai news

भिलाई इस्पात संयंत्र के सबसे बड़े अस्पताल सेक्टर-9 में लगे 40 फीसदी अग्निशमन उपकरण खराब पाए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी शुक्र वार देर शाम को तब हुई जब मुंबई के अंधेरी वेस्ट में लोटस बिजनेस पार्क में आग लगने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी यहां लगे सारे फायर यंत्रों की जांच की। इनमें से अधिकांश काम नहीं कर रहे थे। इससे घबराए अस्पताल प्रबंधन ने बीएसपी फायर ब्रिगेड को पत्र लिखकर तत्काल अग्निशमन यंत्रों को ठीक करने के लिए कहा, जिसकी मरम्मत शुरू कर दी गईहै।

सेक्टर-9 अस्पताल में सात मंजिल हैं। इन सभी में मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाता है। 850 बिस्तर वाले इस अस्पताल में हमेशा पूरे बेड मरीजों से भरे रहते हैं। यहां पर आग लगने पर उससे निपटने के लिए बीएसपी द्वारा जगह-जगह 75 अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं। इनमें से 40 प्रतिशत काम नहीं कर रहे थे, जिन्हें आनन-फानन में शुरू किया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने मुंबई अग्निकांड के बाद इनकी फिर जांच की। इसके बाद फायर ब्रिगेड प्रबंधन को पत्र लिखकर इनके मरम्मत के लिए कहा गया, जिन्हें बदला जा रहा है। इसके पूर्व भी सेक्टर-9 अस्पताल में 'नाभ' की टीम जांच के लिए आई थी, तब भी फायर ब्रि गेड के यंत्रों की जांच कर जरूरत के अनुसार उन्हें बदला गया। बीते शुक्र वार से पुनः अस्पताल प्रबंधन की मांग पर फायर ब्रि गेड द्वारा सारे अग्निशमन यंत्रों की जांच की जा रही है।

हाइड्रेंड सिस्टम से नहीं निकला पानी

सेक्टर-9 अस्पताल में हाइड्रेंड सिस्टम लगा हुआहै। इसका कनेक्शन अस्पताल की छत पर बनी 25 हजार लीटर पानी के क्षमता वाली टंकी और तलघर में इतनी ही क्षमता वाली पानी की टंकी से जोड़कर रखा गया है। पिछले दिनों इसे खोलकर देखा गया तो इसमें से पानी नहीं निकला। आनन-फानन में पुनः पूरे पाइप लाइन की जांच की गई और हाइड्रेंड सिस्टम को शुरू किया गया है।

इस्पात भवन में नहीं है हाइड्रेंड सिस्टम

भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्यालय इस्पात भवन पांच माले का है। यहां पर नियमानुसार हाईड्रेंड सिस्टम लगा होना चाहिए। लेकिन यहां पर नहीं लगाया गया है। जरूर जगह-जगह अग्निशमन यंत्र लगाएगएहैं। लेकिन यहां पर कभी भी ब़ डा हादसा होने की स्थिति में हाइड्रेंड नहीं होने की वजह से फायर ब्रि गेड से ही पानी लाकर आग पर काबू पाना प़ डेगा। जबकि हाइड्रेंड सिस्टम होने की स्थिति में भवन में ही सीधे पानी उपलब्ध हो जाता, जैसे कि सेक्टर-9 अस्पताल में हाइड्रेंड सिस्टम की व्यवस्था है।

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