Wednesday 30 July 2014

Loss of rs 10 crore by floods in harda

जिले में सोमवार को आई बाढ़ से करीब 10 करोड़ का नुकसान किया है। सबसे ज्यादा नुकसान जिले की सड़कों और पुल-पुलियाओं का हुआ है। इसके अलावा भी खेती किसानी में काफी नुकसान हुआ है। लोगों के घरों में रखा सामान भी खराब होने से आर्थिक नुकसानी हुुई है। जिले में हुई नुकसानी का सर्वे कराने के आदेश जिला प्रशासन ने जारी कर दिए हैं।

जानकारी के अनुसार जिले में सोमवार को जिले में 24 घंटे के भीतर 56 मिमी बारिश दर्ज की गई। जिसमें सबसे ज्यादा हरदा विकासखंड में 106 मिमी हुई है। अतिवर्षा के कारण उत्पन्ना हुई बाढ़ ने जिले के करोड़ों रुपए का नुकसान किया है। खेतों में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ की फसलों की बोवनी हो गई है, जिसके पौधे छोटे-छोटे हैं और खेतों में लगातार पानी भराने से पौधे गलने लगे हैं।

हालांकि मंगलवार को मौसम साफ होने और धूप निकलने के बाद किसानों को राहत मिली है। प्रशासनिक अधिकारियों ने एक अनुमान बताते हुए कहा कि सोमवार को आई बाढ़ से जिले में करीब 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, यह आंकड़ा अधिकृत नहीं है, जिसका सही आंकलन सर्वे के बाद ही हो पाएगा।

सड़कों ज्यादा नुकसान

सोमवार को छीपानेर मार्ग पर सुकनी नदी पर बना पुल टूटने की खबर से हड़कंप मच गया। दोपहर में यह पुल टूटा और शाम को खंडवा मार्ग पर मुहाल नदी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया। दो प्रमुख पुलों के क्षतिग्रस्त होने के बाद प्रशासन भी हरकत में आया। मुहाल पुल की मरम्मत का काम तो सोमवार रात से शुरू कर दिया था। परिणामस्वरूप मंगलवार को शाम के समय हलके वाहनों का आवागमन पुल से शुरू हो सका।

तीन अन्य पुलिया भी क्षतिग्रस्त हुईं, जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत्‌ बनी हैं। खबर मिली थी कि चारूवा की माचक नदी पर बना पुल की रिर्टनिंग वॉल क्षतिग्रस्त होने से वहां भी आवागमन प्रभावित हुआ। सिराली में घोंघई नदी पर बना पुल भी बारिश में बह गया। टिमरनी विकासखंड में निर्माणाधीन पुल के बहने की खबर है।

खेतों में गल रही फसलें

किसानों ने बताया कि खेतों में लगातार पानी गिरने से फसलों की जड़ों के सड़ने का डर है। जिले में खरीफ की फसलों में करीब सवा लाख हैक्टेयर रकबा में बोवनी हो गई है। जिसमें सोयाबीन का रकबा सबसे ज्यादा है। किसानों का कहना है कि बाढ़ के पानी के कारण खेतों में पानी भरा गया और फसलों के गलने की आशंका बढ़ गई। हालांकि मौसम में आए बदलाव और मंगलवार को निकली धूप ने किसानों को राहत दी है। किसानों का कितना नुकसान हुआ यह अभी नहीं कहा जा सकता है।

भोपाल में रही गहमागहमी

सोमवार को हरदा में आई बाढ़ की गुंज राजधानी में भी रही। सोमवार और मंगलवार को मिडिया में आई खबरों के बाद अधिकारियों ने आनन-फानन में व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अबगांव में सुकनी नदी के टूटे पुल की खबर से हड़कंप मचा रहा। लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों को चेताया कि 24 घंटे के भीतर मार्ग पर आवागमन सुचारू किया जाए। वरिष्ठ कार्यालय से मिले निर्देशों के अनुसार दो प्रमुख पुल-पुलियाओं के काम शुरू किए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की पुल-पुलियाओं पर कोई काम नहीं हो पाया। विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सुबह से ही भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों ने फटाफट काम करने के निर्देश दिए।

अभी भी गत वर्ष से पीछे

इस साल जिले में शुरूआती दौर में भले ही बारिश नहीं हुई, लेकिन अब हुई झमाझम बारिश होने के बाद भी गत वर्ष से 300 मिमी पीछे हैं। जिले में चालू मानसून मौसम के दौरान गत एक जून से अब तक 641.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। गत वर्ष की इसी अवधि की औसत वर्षा 956.3 मिमी है। अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि अभी तक हरदा में 679 (गत वर्ष 947.6) मिमी, टिमरनी में 653. (गत वर्ष 866.2) मिमी तथा खिरकिया में 591.8 मिमी (गतवर्ष 1054) मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। जिले की सामान्य वर्षा 1261.7 मिमी है। पिछले 24 घंटों में हरदा में 105.9 मिमी, टिमरनी में 43 मिमी तथा खिरकिया में 167.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

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