Tuesday 29 July 2014

Naxal encounter the first day of the week a pile of martyrdom

नक्सलियों के शहीदी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के रामाराम के जंगलों में पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया वहीं सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए हैं। शहीदी सप्ताह के चलते बस्तर के अंदरूनी इलाकों में यातायात भी प्रभावित रहा। सोमवार को सीआरपीएफ व पुलिस की संयुक्त पार्टी सर्चिंग के लिए निकली थी।

रामाराम से लगे जंगल में छिपे नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। घटना में सीआरपीएफ के एक हवलदार समेत दो जवानों को गोली छीलती हुई निकली जिससे वह मामूली रूप से घायल हो गए। उनका प्राथमिक उपचार चिंतलनार में किया गया। करीब दो घंटे तक चली गोलीबारी के बाद घटना स्थल की सर्चिंग करने पर एक वर्दीधारी नक्सली का शव बरामद किया गया है। एक भरमार बंदूक भी मिली है। घायल जवानों का नाम अभी ज्ञात नहीं हुआ है।

अफवाह निकली गोलीबारी की घटना

शहीद सप्ताह के पहले दिन कुआकोण्डा थाने पर नक्सली गोलीबारी की अफवाह ने पुलिस के आला अफसरों के कान खड़े कर दिए। रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात कुआकोण्डा थाना पर नक्सलियों द्वारा आधे घंटे तक गोलीबारी की खबर आई थी जिसे एसपी ने नकारते महज अफवाह बताया है। एसपी कमलोचन कश्यप का कहना है कि आधी रात थाने पर नक्सलियों ने गोलीबारी नहीं की। वे स्वयं कुआकोण्डा थाना में मौजूद थे।

एसपी के अनुसार पुलिस को खुफिया सूत्रों से यह जानकारी मिली थी कि कुछ संघम सदस्य सुकमा मार्ग पर भूसारास घाटी में सड़क खोदने की फिराक में हैं। इस पर वे दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। वहां मौके पर कोई नजर नहीं आया। एसपी ने बताया कि शहीद सप्ताह के मद्देनजर आलनार की तरफ सर्चिंग पर निकले जवानों ने नक्सलियों द्वारा बनाए गए स्मारक को ध्वस्त किया है। नक्सलियों की सक्रियता को देखते पुलिस ऐहतियात बरत रही है।

थमे बसों के पहिए

3 अगस्त तक चलने वाले शहीदी सप्ताह के पहले दिन दक्षिण बस्तर में यातायात पर नक्सली खौफ नजर आया। नक्सली दहशत से नारायणपुर के ओरछा, दंतेवाड़ा के कटेकल्याण व मारडूम मार्ग पर यात्री बसों के पहिए थमे रहे। वहीं सुकमा-कोंटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगने से बसों का परिचालन ठप रहा। दहशत फैलाने की मंशा से नक्सलियों ने दंतेवाड़ा-सुकमा मार्ग पर गादीरास के पास सड़क के दोनों ओर पेड़ों पर बड़ी तादाद में पर्चे चिपकाए थे। इसी तरह बारसूर-मारडूम मार्ग पर भी पर्चे मिलने की खबर है।

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