Monday, 7 July 2014

The last day of the wedding tomorrow will sleep dev

 राजधानी में रविवार को भड़ली नवमी के दिन अबूझ मुहूर्त के मौके पर बड़ी संख्या में विवाह हुए। सोमवार को विवाह का आखिरी मुहूर्त है। इसके बाद 5 माह तक के लिए विवाह और मांगलिक कार्यों में विराम लग जाएगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 8 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसी के साथ चातुर्मास चालू हो जाएंगे। इस दौरान देवता सो जाएंगे। इन दिनों भक्ति व भजनों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है।

शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी में भगवान विष्णु पाताल में विश्राम पर चले जाते हैं। इस दौरान देवों के देव महादेव पर सृष्टि का भार रहेगा। इन दिनों कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किए जाते, क्योंकि भगवान का आशीर्वाद नहीं प्राप्त होता।

पं. धर्मेंद्र शास्त्री के मुताबिक 8 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद विवाह व अन्य शुभ कार्यों में विराम लग जाएगा। 3 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर देव जागेंगे, लेकिन इसके पहले 1 अक्टूबर से ही शुक्र तारा अस्त हो जाएगा जो 28 नवंबर को उदित होगा। शुक्र के उदय होने के बाद मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

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